औरैया : उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की कोतवाली इलाके के मोहल्ला गुमटी मोहाल में एक मकान की खुदाई के दौरान एक ईंट व कुछ सिक्के मिलने से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. मजदूरों के शोरशराबा करने पर मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. यह देख मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की. इसके बाद गृहस्वामी ने खुदाई में निकले सिक्के को कोतवाली में जमा करा दिया. हालांकि चर्चा यह भी है एक मजदूर सोने की ईंट लेकर फरार हो गया है. सीसीटीवी फुटेज में वह तसले में मिट्टी लेकर जाता दिख रहा है. कहा जा रहा है कि मिट्टी के अंदर उसने ईंट छिपाई थी.
गुमटी मोहाल निवासी दीपक के घर पर निर्माण कार्य चल रहा है. पुरानी दीवार गिराने व मिट्टी की खुदाई करने में एक ईंट व कुछ सिक्के मजदूरों को मिले. बताया जा रहा है कि ईंट मुगलकालीन लग रही है. कुछ लोगों ने ईंट को अष्टधातु का होना बताया है. ईंट व सिक्कों के बेशकीमती होने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं होने लगी. मामला पुलिस तक पहुंचा तो जांच पड़ताल की गई. कोतवाली प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया कि खुदाई के दौरान ईंट व कुछ पुराने सिक्के मिले थे, जिसे गृृहस्वामी दीपक ने कोतवाली में लिखापढ़ी के साथ जमा करा दिया है. यह ईंट किस धातु की है इसके लिए पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा जाएगा। उनकी ओर से इसकी जांच की जाएगी. उसके उपरांत ही हकीकत पता चल सकेगा.
ऐसा कहा जा रहा है कि 7 मई को खुदाई के दौरान कुछ बेशकीमती खजाने जैसा निकला. जिसके बाद मकान मालिक ने इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को देना मुनासिब नहीं समझा। स्थानीय स्तर पर लोगों के जरिए यह बात चर्चा के केंद्र में आई. जिसके बाद औरैया में खजाना निकलने की चर्चा व्यापक पैमाने पर शुरू हो गई. जानकारी के मुताबिक सालों पुराने बने एक मकान की खुदाई के दौरान पहले तो सोने-चांदी से भरा मटका मिला और कुछ दिनों बाद मजदूरों को सोने की ईंट मिली। इस बात की जानकारी तब हुई जब एक मजदूर मकान की खुदाई कर रहा था तभी उसे एक सोने की ईंट मिली और वह सोने की ईंट को लेकर मौके से भाग गया. एक सीसीटीवी फुटेज में तस्वीर भी देखने को मिल रही है. वह मजदूर सिर पर रखे मिट्टी से भरा तसला लेकर जाता हुआ नजर आ रहा है.
फिलहाल औरैया के कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पंकज मिश्रा ने बताया कि पुराने सिक्के को गृह स्वामी दीपक ने कोतवाली में जमा करा दिए हैं. इसकी जांच के लिए पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा जा रहा है. पुरातत्व विभाग की टीम जब इसकी जांच करेगी तो वास्तविकता सामने निकल कर आ जाएगी कि खजाना किस काल खंड का है.