नई दिल्ली : MS Dhoni : महेंद्र सिंह धोनी को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिए 3 साल हो गए हैं. लेकिन, वो अभी भी आईपीएल खेल रहे हैं. लेकिन, उनका ये सफर भी इस सीजन के बाद खत्म हो सकता है. धोनी की कप्तानी में भारत ने 4 साल के भीतर 2 वर्ल्ड कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. हालांकि, धोनी ने एक दौर ऐसा भी देखा है, जब टीम में वो जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. लेकिन, पाकिस्तान के खिलाफ वनडे की अपनी पहली सेंचुरी ठोकने के बाद उनका करियर असल मायने में शुरू हुआ था. इसके बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की धमाकेदार पारी खेली थी. यहीं से धोनी को पहचान मिली थी. उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच के बाद अपने क्रिकेट सफर से जुड़ा दिलचस्प खुलासा किया.
महेंद्र सिंह धोनी ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच गंवाने के बाद प्रजेंटेंशन में कहा, “जयपुर का सवाई मान सिंह स्टेडियम मेरे लिए बड़ा स्पेशल है. मेरा पहला वनडे शतक वाइजैग में आया था. इसके बाद मुझे 10 मैच की गारंटी मिली थी. लेकिन, मैंने जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ जो 183 रन की पारी खेली थी, उसने एक साल के लिए टीम में मेरी जगह एक तरह से पक्की कर दी थी. यहां वापसी करके मैं खुश हूं.
बता दें कि धोनी ने 31, अक्टूबर 2005 को जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ हुए एक वनडे मुकाबले में नंबर-3 पर बैटिंग करते हुए नाबाद 183 रन ठोके थे. ये उनके वनडे करियर की सबसे बड़ी पारी भी साबित हुई थी. धोनी ने इस मैच में 10 छक्के और 15 चौके उड़ाए थे और भारत ने 46.1 ओवर में ही 299 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया था. ये धोनी का दूसरा वनडे शतक था. इस सेंचुरी के बाद धोनी रातों-रात स्टार बन गए थे. दुनिया भर में उनकी पावर हिटिंग की चर्चा होने लगी थी.
इस पारी के बाद उन्हें टीम में अपनी जगह को लेकर फिर कभी परेशान नहीं होना पड़ा. वो आगे चलकर कप्तान बने और उस भूमिका में भी कामयाबी की नई इबारतें गढ़ीं. इसी वजह से जयुपर उनके दिल के काफी करीब है.