Mpox Outbreak In India: विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ‘मंकी पॉक्स’ को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति घोषित किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर बैठक कर इससे निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है, Monkeypox को लेकर जो अभी का वायरस है वो जो ज्यादा वैयलेंट है और ये तेजी से फैलता है।
मंकी पॉक्स को लेकर देश के सभी एयरपोर्ट्स पर अलर्ट किया गया है साथ ही अस्पतालों को अलर्ट किया गया है और राज्यों के साथ मीटिंग भी हुई है जिसमें इसके बारे में अलर्ट रहने को कहा गया है। ट्रीटमेंट इसके कोई स्पेसिफिक नहीं है। स्मालपॉक्स की जिन्हे वैक्सीन लगी है इनपर असर नहीं होगा वहीं दिल्ली में सफदरजंग और RML और लेडी हार्डिंग नोडल हॉस्पिटल बनाए गए हैं।
भारत में इसके मद्देनजर तैयारी की स्थिति और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सलाहकार पी के मिश्रा ने कहा कि देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है और वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार इसका व्यापक स्तर पर फैलने का जोखिम कम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एमपॉक्स की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
मध्य और पूर्वी अफ्रीका में संक्रामक एमपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं, अफ़्रीका से बाहर एमपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है। इसके मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित कर दिया है।आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी की सलाह के अनुसार मिश्रा ने देश में एमपॉक्स की तैयारी की स्थिति और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव को बताया गया कि एमपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक प्रभावी रहता है और एमपॉक्स के रोगी आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल एवं प्रबंधन के साथ ठीक हो जाते हैं। स्वास्थ्य सचिव चंद्रा ने बैठक में बताया कि भारत में इसके खतरे का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा 12 अगस्त को विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई गई थी और बचाव के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य दलों की ओर से निगरानी की जा रही है और राज्यों को भी इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बयान के अनुसार, मिश्रा ने निर्देश दिया कि निगरानी बढ़ाई जाए और मामलों का तेजी से पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को शीघ्र निदान के लिए तैयार किया जाना चाहिए।
मिश्रा ने निर्देश दिए कि बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए प्रोटोकॉल को बड़े पैमाने पर प्रसारित किया जा सकता है।उन्होंने बीमारी के संकेतों और लक्षणों के बारे में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाने और निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।