भोपाल: MP News: जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर छापे के बाद कंपनी के संचालक किशन मोदी की पत्नी 31 वर्षीय पायल मोदी ने जहर खा लिया। गुरुवार रात उनको गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या की कोशिश किन कारणों से की गई अभी इसकी जांच जारी है। फिलहाल पुलिस को पायल का एक कथित सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और पांच अन्य लोगों पर आरोप लगाए हैं।
बता दें कि बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर सर्चिंग की कार्रवाई की थी। दो दिन से जारी सर्चिंग में कंपनी के भोपाल, सीहोर और मुरैना स्थित परिसरों की जांच में ईडी को उसके संचालकों के पास करोड़ों की संपत्ति मिली है। जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापेमारी के दूसरे दिन गुरुवार को जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्शन कंपनी के मालिक किशन मोदी की पत्नी पायल मोदी ने चूहामार दवाई खा ली।
उसे गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है। कंपनी और संचालकों के ठिकानों पर जांच में ईडी को कई आपत्तिजनक दस्तावेज, 25 लाख रुपये नकद, बीएमडब्ल्यू और फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी कारों के साथ ही संचालक किशन मोदी की विभिन्न कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 66 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। ईडी को 6.26 करोड़ रुपये की एफडी भी मिली है।
ईडी की जांच कंपनी के प्रमुख व्यक्तियों किशन मोदी, पायल मोदी, अमित कुलोद समेत अन्य पदाधिकारियों के निवास और फैक्टरी पर की गई। ईडी ने यह जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर शुरू की। जांच में सामने आया कि जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने मिलावटी दूध उत्पाद बनाए और बीआईएस/एनएबीएल की मान्यता प्राप्त लैब के फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा। ईडी को 63 फर्जी लैब प्रमाण पत्र मिले, जिनका उपयोग मिलावटी दूध उत्पादों के निर्यात के लिए किया गया था।
जांच में पता चला कि ये प्रमाण पत्र या तो अन्य कंपनियों के नाम पर जारी किए गए थे या फिर उन्हें जाली तरीके से प्राप्त किया गया था। पायल मोदी का कथित सुसाइड नोट में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और उनके पांच अन्य साथियों का जिक्र है। इनमें चन्द्र प्रकाश पांडे, वेद प्रकाश पाण्डे, सुनील त्रिपाठी, भगवान सिंह मेवाड़ा और हितेष पंजााबी के नाम हैं। आरोप है कि ये सभी लोग चिराग पासवान की पॉलिटिकल पावर का इस्तेमाल कर मोदी की कंपनियों पर CGST, FFSI, EOW, ED के छापे डलवा रहे हैं।