MP गजब है : शादी से पहले टॉयलेट में खड़े होकर दुल्हे को खिंचानी पड़ती है तस्वीर

0
7

भोपाल | शादी के दिन हर किसी के जीवन में खुशहाली लेकर आते हैं |  कई लोग शादी से पहले प्री-वेड फोटोशूट भी कराते हैं, जिसे वे हमेशा के लिए अपने पास संजो कर रखना पसंद करते हैं, पर मध्य प्रदेश में एक ऐसा प्री-वेड फोटोशूट होता है, जिसे कोई भी याद नहीं रखना चाहेगा | दरअसल देश में स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को अपने घरों में टॉयलेट (शौचालय) बनवाने के लिए सरकार तरह-तरह की योजना चला रही है | ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने भी लोगों को अपने घरों में शौचालय बनवाने के लिए एक योजना बनाई है जो चर्चा में है | हालांकि आप इससे भाग भी नहीं सकते हैं, क्योंकि ऐसा किया तो मुख्यमंत्री कन्या विवाह या निकाह योजना  के तहत दुल्हन को मिलने वाले 51 हजार रुपए नहीं मिलेंगे |  दरअसल इस स्कीम के तहत एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें दुल्हन के होने वाले पति को यह साबित करना होता है कि उसके घर में टॉयलेट है | 

अब इस योजना का लाभ लेने के लिए शादी के बाद दुल्हन को अपने पति के साथ ससुराल में बने टायलेट में खड़े होकर तस्वीर लेनी होगी और फिर उसे सरकारी दफ्तर में जमा कराना होगा | भोपाल में इस योजना के लाभ के लिए फॉर्म को तभी स्वीकार किया जा रहा है जब होने वाले दूल्हे के घर में टॉयलेट हो | अधिकारी हर घर में जाकर खुद जांच करने की जगह ऐसी तस्वीरों की मांग कर रहे हैं | मामले का खुलासा तब हुआ जब एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी करने जा रहे शख्स ने बताया कि मेरे मैरिज सर्टिफिकेट के बार में सोचिए जिसमें दूल्हा टॉयलेट में खड़ा है | उन्होंने यह भी बताया कि उनकी शादी में काजी तब तक नमाज नहीं पढ़ेंगे जब तक की वो तस्वीर मैं नहीं दे दूंगा | वहीं इस नियम को लेकर बीएसमी के योजना प्रभारी सीबी मिश्रा के मुताबिक पहले शादी के 30 दिनों के भीतर टॉयलेट बनवाने की छूट थी जिसे अब खत्म कर दिया गया है | उन्होंने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि टॉयलेट में खड़े दूल्हे की तस्वीर लगाना कोई गलत बात नहीं है क्योंकि यह शादी के कार्ड का हिस्सा नहीं है |

बता दें कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए है |  सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि को 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए कर दिया था |  इसके बाद प्रशासन के पास बहुत ज्यादा आवेदन आने लगे |  इससे प्रशासन को यह समस्या सामने आई कि हर घर जाकर यह सुनिश्चित करना संभव नहीं था कि उनके घर में टॉयलेट है या नहीं |