हिमालय में हलचल, जोशीमठ में एशिया की सबसे बड़ी ओली रोपवे बंद, घरों और होटलों में दरारें, जान बचाने लोग हो रहे इधर से उधर, हैरत में प्रशासन

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जोशीमठ : हिमालय की वादियों में तेजी से हलचल हो रही है। कही जमीनों का कटाव और भू – स्खलन तो कही ख़राब मौसम और बेजा बर्फ़बारी से लोग हैरत में है। इस बीच उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में मकानों और होटलों में पड़ रही दरारों से लोगों की नींद उडी हुई है। जान बचाने के लिए कई लोग सुरक्षित इलाको की ओर बढ़ रहे है। हालात को देखते हुए लोगों के साथ सरकार की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। ताजा स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों और वहां स्थित जमीनों और घरो में दरारें पड़ रही है। अब प्रशासन वहां रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करा रहा है। जबकि जमीन से निकल रहा पानी खेतों तक पहुंच रहा है। इससे फसले बर्बाद हो रही है। अचानक आई इस आपदा से पहाड़ियों में निवासरत कई साधु-संतों ने भी चिंता जताई है। 

पीड़ितों के मुताबिक मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। जल भराव से निचले क्षेत्र के कई भवनों में नुकसान का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है। सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और कई सरकारी भवनों में भी दरारें आ गई हैं. मारवाड़ी वार्ड में जेपी कंपनी के 50 आवासीय भवनों में दरारें आ गई हैं. इसको देखते हुए बुधवार को जेपी कंपनी ने सभी मकानों को खाली करा लिया है।

कंपनी की ओर से प्रभावितो को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। नगर के सभी नौ वार्ड इस प्राकृतिक आपदा के चपेट में आ गए हैं | नृसिंह मंदिर, मनोहर बाग, सिंहधार, परसारी, रविग्राम, सुनील, अपर बाजार, मारवाड़ी और गांधी नगर वार्ड के कई मकानों में दरारें आनी शुरू हो गई हैं. यहां से जिला प्रशासन ने करीब 16 प्रभावितों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास भी बड़ी-बड़ी दरारें देखी जा रही है। 

प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने न्यूज़ टुडे को बताया कि जेपी कंपनी के परिसर में चल रहे पोस्ट ऑफिस को भी दूसरी जगह ले जाया गया है. यह पोस्ट ऑफिस जोशीमठ का मुख्य डाकघर है. ज्योतिर्मठ परिसर के भवनों में भी दरारें आ गई हैं. लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं. ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद के मुताबिक, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में भी दरारें पड़ी हैं. वहीं, इस मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी भू-धंसाव पर चिंता जताई है। 

हालात को देखते हुए प्रशासन द्वारा औली रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है। यह जोशीमठ में लगातार घरों में पड़ रही दरारों की वजह से लिया गया फैसला बताया जा रहा है। बताते है कि रोपवे पर भी खतरा मंडरा रहा है। वहां के स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा की जाए। यह रोपवे एशिया का सबसे बड़ा और सुरक्षित रोपवे माना जाता है। 

उधर कई व्यपारियों ने ताजा हालात पर प्रशासनिक लापरवाहियों को लेकर बाजार बंद रख अपना विरोध जताया है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आज बाजार बंद भी कामयाब रहा। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती ने बताया कि चक्का जाम कर सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया गया है।

यही नहीं आपदा से निपटने में सरकार की लापरवाही को लेकर प्रभावितों ने मशाल जलूस भी निकाला। इधर प्रशासन ने भू-धंसाव को लेकर कंट्रोल रुम स्थापित किया है। इस पर लगे फोन नंबर है- 8171748602 .में प्रभावित परिवार संपर्क कर सकते है। इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन के जरिये प्रशासन लोगो को मदद मुहैया करा रहा हैं।