लेबनान में पेजर ब्लास्ट की घटनाओं के बाद ईरान ने मोटोरोला मोबाइल फोन पर बैन लगा दिया है. दरअसल, हिजबुल्ला के सदस्यों की पेजर में ब्लास्ट होने से जान चली गई थी. ईरान सरकार का मानना है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, इसके लिए ये कदम उठाना बेहद जरूरी है.
लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट में 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे. आरोप है कि इन पेजरों में विस्फोटक लगाए गए थे. ईरान सरकार ने इस घटना के बाद मोटोरोला मोबाइल फोन पर बैन लगा दिया है. ईरान सरकार का मानना है कि इस फोन का इस्तेमाल कर इस तरह की गतिविधि दोबारा हो सकती है. हीं, इस बैन से ईरान में मोटोरोला फोन की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लग गई है.
ईरान सरकार का कहना है कि ये फैसला देश की सुरक्षा के मध्यनजर लिया गया है. इस फैसले का ईरान के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है. अब ये देखना होगा कि अन्य देश इस फैसले पर क्या फीडबैक देते हैं. अब ये भी देखना होगा कि इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए ईरान सरकार क्या कदम उठाती है. ईरान सरकार का ये फैसला सुरक्षा, तकनीक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े कई मुद्दों को उठाता है.
ज्यादातर लोग पेजर का इस्तेमाल बेस स्टेशन या किसी सेंट्रल डिस्पैच से रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए मैसेज रिसीव करने के लिए करते हैं. ये मैसेज न्यूमैरिक, जैसे- फोन नंबर, या अल्फान्यूमैरिक जैसे- टेक्स्ट हो सकते हैं. मैसेज भेजने के लिए टू-वे पेजर्स का इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई मैसेज आता है तो पेजर की टोन बजती है. पेजर मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर नहीं करता है. इसलिए ये कम्युनिकेशन का भरोसेमंद जरिया माना जाता है. मुश्किल हालात में ये अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने में मददगार साबित होता है.
बता दें कि पेजर का इस्तेमाल अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, कनाडा, स्विट्जरलैंड जैसे देशों में होता है. इसका इस्तेमाल हॉस्पिटल और हेल्थकेयर सेक्टर में किया जाता है. हालांकि, उनकी संख्या बहुत कम है. जिन देशों में इंटरनेट की कवरेज बेहद खराब है, वहां इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
बता दें कि पेजर में स्ट्रांग बैटरी लाइफ मिलती है. ये सिंगल चार्ज में पूरे हफ्ते चल जाता है. यह मोबाइल की तुलना में जल्दी मैसेज सेंड करता है. पेजर दो तरह का होता है. पहले वन-वे-पेजर- इसमें यूजर्स केवल मैसेज रिसीव कर सकते थे, लेकिन जवाब नहीं दे सकते थे. वहीं, टू-वे-पेजर में मैसेज रिसीव करने के साथ ही जवाब भी भेजा जा सकता है.