दिल्ली वेब डेस्क / टिड्डियों का दल एक बार फिर भारत पर धावा बोल सकता है। लेकिन इस बार ये दल पाकिस्तान से नहीं बल्कि पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया से भारत में हमला करेगा | दरअसल मानसून के आने के बाद ज्यादातर राज्यों में फसल बुआई हो चुकी है, ऐसे में टिड्डियों का हमला किसानों पर भारी पड़ सकता है | टिड्डियों के रुख को देखते हुए कृषि मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है | मंत्रालय ने कहा है कि उसने टिड्डी दल के खतरे को देखते हुए इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले छह राज्यों के अधिकारियों को चेतावनी भेजी है |
राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए है | जिन राज्यों को टिड्डी सर्कल से ज्यादा खतरा है, उनमे राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा शामिल है | यहाँ टिड्डियों से निपटने के लिए दवा के छिड़काव के लिए कदम उठाने कहा गया है | देश में अभी तक टिड्डियों के पहले हमले में फसलों को मामूली नुकसान पहुंचा था। लेकिन अब दूसरे हमले में व्यापक नुकसान के आसार है |
उधर संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने कहा है कि अफ्रीका से होने वाला टिड्डियों का हमला पिछले 70 सालों में सबसे खतरनाक है। इससे कृषि उत्पादन करने वाले देशों में खतरे की आशंका बढ़ गई है। हालाँकि भारत में टिड्डियों की मौजूदगी अब भी बताई जा रही है | ये वो टिड्डी है जो पाकिस्तान से आये थे | बताया जाता है कि वर्तमान समय में, अपरिपक्व गुलाबी टिड्डे और व्यस्क पीले टिड्डे राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सिकार, जयपुर और अलवर में सक्रिय हैं। इसके अलावा, इनकी सक्रियता मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में भी देखी गई है।
संसद और सरकार की एक अंतर-मंत्रालयीय अधिकार प्राप्त कमेटी ने देश में खरीफ और गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों को टिड्डियों के हमले से बचाने के लिए व्यापक प्रबंध किया है | इसमें 50 किलोग्राम वजनी पांच अडवांस्ड ड्रोन्स को प्रौद्योगिकी कंपनियों से लिया है। इसके अलावा, पवन हंस लिमिटेड से हेलिकॉप्टरों को किराए पर लेकर उससे कीटनाशकों के छिड़काव का प्रबंध किया गया है।
बताया जाता है कि तीन जुलाई तक राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,32,777 हेक्टेयर भूमि पर टिड्डियों से निपटने के लिए रोकथाम अभियान चलाया गया था। इसके अलावा, राज्य सरकारों ने भी 1,13,003 भूमि पर कंट्रोल कार्यक्रमों को अंजाम दिया है।
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जानकारों के मुताबिक टिड्डियों के खिलाफ प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशक मैलाथियोन के पर्याप्त उत्पादन और आपूर्ति को बनाए रखना होगा | वर्ना टिड्डियों का हमला घातक परिणाम लेकर आएगा | कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर और नागौर में 12 ड्रोन तैनात किए जा चुके हैं। उनके मुताबिक एक ड्रोन एक घंटे में 16-17 हेक्टेयर क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकता है। फ़िलहाल टिड्डियों के नए हमले ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है |