देश में पांच सालों में पांच लाख से ज्यादा अपहरण के मामले हुए दर्ज, इनमें से लगभग डेढ़ लाख मामलों में शादी बनी अपहरण की वजह, टॉप 3 राज्यों में बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश शामिल, NCRB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली / देश में अपहरण के मामलों में बीते 5 वर्षों में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है | लॉकडाउन के बाद तो देश में बनी परिस्थिति अपहरण के लिए काफी अनुकूल वातावरण निर्मित कर रही है | छोटे – बड़े शहरों में कई गैर पेशेवर गिरोह भी अपना जेब खर्च चलाने के लिए इस अपराध में जुड़ते जा रहे है | पिछले पांच साल में पांच लाख से ज्यादा लोगों का अपहरण किया जा चुका है | यही नहीं अभी भी यह आंकड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ज्यादातर मामलों में ऐसा देखा गया है कि अपहरण करने की वजह या तो रंजिश होता है या फिर फिरौती। लेकिन एक नई कड़ी भी अपहरण की वारदातों से जुड़ती नजर आ रही है। 

अब अपहरण के मामलों के परंपरागत मकसद बदलते दिखाई दे रहे है | आंकड़ों पर गौर करे तो मौजूदा समय में ज्यादातर अपहरण शादी के लिए होने लगे हैं। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में एक लाख से ज्यादा अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले पांच सालों में 29 फीसदी लोगों का अपहरण शादी के लिए किया गया है। अगर टॉप – 3 शहरों की बात करें तो इनमें बिहार का पटना, गुजरात का सूरत और उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद शहर में अपहरण और फिरौती के सर्वाधिक मामले दर्ज हुए है | देश में लगातार दूसरे साल अपहरण के मामले एक लाख से ज्यादा रहे हैं। 

हालांकि साल 2018 में अपहरण के मामलों में थोड़ी गिरावट देखी गई और ऐसा साल 2010 के बाद पहली बार हुआ है, जब अपहरण के मामलों में गिरावट देखी गई है। पिछले पांच सालों में पांच लाख से ज्यादा अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से करीब डेढ़ लाख मामलों में अपहरण का कारण जबरन शादी कराना है। वहीं फिरौती के लिए करीब तीन हजार मामले दर्ज किए गए हैं। साल दर साल बात करें तो 2015 में 31,884 अपहरण के मामले दर्ज किए गए थे, जिनके पीछे का कारण शादी था। वहीं 2016 में 33,732 मामले दर्ज किए गए थे, 2017 में 30,614, 2018 में 24,487 और 2019 में 25,824 मामले दर्ज किए गए थे।

आपराधिक दुनिया पर करीब से नजर रखने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों की माने तो मौजूदा समय लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थिति कई मजबूर लोगों को भी अपहरण की वारदातों की ओर खींच रही है | उनके मुताबिक पेशेवर गिरोह ने जहाँ एक बार फिर अपहरण और फिरौती के लिए सक्रियता दिखाई है, वही कई गैर पेशेवर अपराधी भी इस अपराध में संलिप्त दिखाई दे रहे है | उनका यह भी मानना है कि शादी ब्याह और एकतरफा प्यार जैसे मामलों में भी अपहरण की घटनाओं में आई तेजी से पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में काफी सुधार लाना होगा | उसे सूचनातंत्र के अलावा अपने साइबर सेल को मजबूती प्रदान करनी होगी | तभी अपराधियों की रोकथाम में मदद मिलेगी |  

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