नया रायपुर में 200 करोड़ से ज्यादा की दुकानें खाली पड़े हुई जर्जर , कोई खरीददार नहीं फिर भी 7 करोड़ 70 लाख की लागत से नया व्यावसायिक परिसर का निर्माण का फैसला , शांति नगर प्रोजेक्ट पर भी बगैर अनुमति और टेंडर के फूंक दिए 11 लाख से ज्यादा की रकम , छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की बंदरबांट वाली योजना सरकार की छवि पर बदनुमा दाग , सरकारी रकम को अपने जेब में डालने वालो पर कार्रवाई कब ?

0
4

रायपुर / छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड अब ब्लैकमनी की खदान साबित हो रहा है | जनता की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ करने वाले एक गिरोह का इस पर कब्जा हो जाने से छत्तीसगढ़ सरकार की छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है | हैरानी इस बात को लेकर है कि भ्रष्ट्राचार के प्रामाणिक मामलों को लेकर भी दागी अफसरों के खिलाफ कोई वैधानिक कार्रवाई नहीं की जा रही है | अलबत्ता आरोपियों को बचाने के लिए अकबर-बीरबल की जोड़ी ने सरकार की साख को भी दांव पर लगा दिया है | ताजा मामला नया रायपुर का है | इस इलाके में छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड ने करोड़ों की लागत से दुकानें बनवाई थी | लगभग 10 साल गुजर चुके है , लेकिन पूरी दुकानें अभी तक नहीं बिक पाई | बताया जा रहा है कि करीब 200 करोड़ से ज्यादा की लगभग 80 दुकानें अभी भी खाली पड़ी है | उसके लिए कोई खरीददार सामने नहीं आया है | वर्षो से खाली पड़ी ये दुकानें अब जर्जर हो रही है | इन दुकानों के नहीं बिकने के चलते छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को बड़ी आर्थिक मार पड़ी है | हैरानी वाली बात यह है कि इस वाक्ये से सबक लेने के बजाय छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कर्ताधर्ताओं ने बंदरबांट का एक और प्रोजेक्ट नया रायपुर में लाँच किया है | 

हाऊसिंग बोर्ड की 65वीं मंडल बैठक में नया रायपुर अटल नगर स्थित सेक्टर 29 में उत्तर-पश्चिम कार्नर पर 7 करोड़ 70 लाख की लागत से नया व्यावसायिक परिसर निर्मित किया जायेगा | इस प्रोजेक्ट पर अकबर-बीरबल ने जैसे ही अपनी मुहर लगाई , हाऊसिंग बोर्ड के ईमानदार कर्मियों के पैरों तले जमीन खिसक गई | ये कर्मी इस तथ्य को लेकर हैरानी जता रहे थे कि पहले ही 200 करोड़ से ज्यादा की लागत वाली दर्जनों दुकानें बिक नहीं पाई है | ऐसे में फिर इस इलाके में 7 करोड़ 70 लाख रूपये का व्यावसायिक परिसर में  निवेश समझदारी वाला फैसला नहीं है | हाऊसिंग बोर्ड में कार्यरत सैकड़ों ईमानदार कर्मियों को अंदेशा है कि जिस तरह से CGHB को चूना लगाया जा रहा है , उससे सरकार की साख को भी बट्टा लगेगा | 

उधर सरकार की तिजोरी में सेंधमारी करने वाली एक और योजना को अमल में लाने के लिए अकबर-बीरबल ने बगैर अनुमति 11 लाख से ज्यादा की रकम खर्च कर दी है | जानकारी के मुताबिक रायपुर शहर के हृदय स्थल में निर्मित होने वाली शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना का अभी शुभारंभ ही नहीं हुआ है कि भ्रष्ट्राचार की आधारशिला रख दी गई | बताया जाता है कि बगैर टेंडर और नियमानुसार प्रक्रिया को अंजाम दिए शांति नगर में पेड़ कटाई और अन्य कार्य किये गए | इन कार्यों पर 11 लाख से ज्यादा की रकम खर्च कर दी गई | जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की तिजोरी पर लगातार जिस तरह से सेंधमारी की जा रही है , वे सभी प्रकरण काफी हैरानी भरे है |