Pakistan Monkeypox: अफ्रीका के बाद अब पाकिस्तान पहुंचा मंकी वायरस, भारत को इससे कितना खतरा?

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Pakistan Monkeypox: पाकिस्तान ने विदेश से पाकिस्तान आने वाले लोगों में मंकीपॉक्स के पहले दो मामलों का पता लगाया है. इस बात की जानकारी मंगलवार (25 अप्रैल) को पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा विनियम और समन्वय मंत्रालय ने दी. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने जियो न्यूज से बात करते हुए कहा कि एक आदमी को सऊदी अरब से डिपोर्ट किया गया था और 17 अप्रैल को उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए. इसी बीच फ्लाइट में उनके साथ बैठे एक अन्य व्यक्ति में भी एमपॉक्स के लक्षण दिखे.

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग शुरू की
ऐसे लोगों की पहचान गोपनीय रखी गई है. उनके नमूने को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इस्लामाबाद भेजे गए है. अधिकारियों ने कहा कि पीड़ित लोग रावलपिंडी या इस्लामाबाद के निवासी हैं और अब उनके रिश्तेदारों की जांच की जा रही है. जांच अधिकारी ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई और तो संपर्क में नहीं आया है. वो चाहते हैं कि किसी भी तरह से वायरस न फैलें.

इसके लिए अधिकारियों ने कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी शुरू कर दी है. पीड़ित व्यक्तियों में एक को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भेज दिया गया है. वहीं दूसरे को उसके घर में ही क्वारंटाइन किया गया है.

मंकीपॉक्स वायरस एक वायरल बीमारी
इससे पहले मंकीपॉक्स का सबसे पहला मामला अफ्रीका में आया था. वही पिछले साल 14 सितंबर 2022 को ग्लोबल लेवल पर 103 देशों में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए थे. इनमें 59 हजार 179 मामले दर्ज किए गए है. इस दौरान 136 लोगों की मौत हुई थी.

इनमें से अधिकांश मामले यूरोप, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में सामने आए थे. भारत में भी पिछले साल 2022 में मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था. मंकीपॉक्स वायरस एक वायरल बीमारी है, जो ऑर्थो पॉक्स वायरस जीनस की एक प्रजाति से पैदा होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मंकीपॉक्स या एमपॉक्स में त्वचा पर लाल चकत्ते या म्यूकोसल घाव हो जाते है.

इसमें इंसान को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम ऊर्जा, सूजन की शिकायत होती है. हाल के दिनों में भारत में कोरोना के मामले में तेजी देखी गई है. इसके वजह से भारत को भी विदेश से आने वाले लोगों की हर तरीके से जांच करने की जरूरत है.