छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED चीफ के हवाले,सूर्यकांत समेत तमाम आरोपियों को दिल्ली तिहाड़ जेल शिफ्ट करने पर विचार,जल्द लग सकती है मुहर,IT-ED से जुड़े लगभग डेढ़ सौ सवालों के पेंचो की तस्दीक आज और कल

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रायपुर / दिल्ली  : छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के स्थानीय नेताओ के साथ मिलकर गैर कानूनी कारोबार  के खुलासे से भारत सरकार सकते में है। इस गंभीर मामले की ED चीफ की सीधी निगरानी में विवेचना किए जाने के निर्देशों की जानकारी सामने आई है।बताया जा रहा है कि सूर्यकांत से चल रही पूछताछ के बीच विवेचना का जायजा लेने ED चीफ रायपुर का जल्द दोबारा रुख कर सकते है।

जानकारी के मुताबिक कतिपय पुलिस अधिकारियों  की कार्यप्रणाली और केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ असहयोगात्मक रवैये को लेकर प्रदेश के DGP और चीफ सेकेट्री से उनकी बैठक को अंतिम रुप दिए जाने की खबर है। 

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में मनीलॉन्ड्रिंग और हवाला के तार तीन महानगरों के करीब डेढ़ दर्जन ठिकानो से जुड़े बताए जा रहे है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रदेश में इकठ्ठा की जा रही ब्लैकमनी के श्रोतो के पुख्ता प्रमाण हासिल होने के बाद जांच एजेंसियां उस रकम के इस्तेमाल की खोजबीन में जुटी है।

संदेही आईएएस अफसरों से जारी पूछताछ के दौरान सूत्रों का दावा है कि ED की एक टीम ने छत्तीसगढ़ कैडर के एक आईपीएस अधिकारी के ससुराल में जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। बताया जाता है कि ससुराल पक्ष से जुड़े कई सदस्यों ने बेहद कम समय में अपने इलाको में करोडो का निवेश किया है।

सूत्रों के मुताबिक इस अफसर की DOPT में दर्ज माली हालत से वाकिफ होने के बाद उसके आयकर रिटर्न एवं अन्य अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के तौर तरीको की जांच ,जारी बताई जा रही है। 

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में ब्लैक मनी से खरीदी गई जमीनों की लम्बी फेहरिस्त में रकम के लेन -देन संबंधी पुख्ता प्रमाण जांच एजेंसियों को हासिल हुए है।कई एग्रीमेंट इस तथ्य की पुष्टि कर रहें है कि सूर्यकांत तिवारी के जरिए इन अफसरों ने मोटी रकम धनशोधन में इस्तेमाल की। मूल रजिस्ट्री के बजाए एग्रीमेंट के जरिए कई बड़े सौदों को स्थानीय और बाहरी गवाहों के समक्ष अंजाम दिया गया था। ये सौदे अफसरों और नेताओ के परिचितों,पारिवारिक सदस्यों और नाते-रिश्तेदारों के पक्ष में तैयार किए गए थे। 

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के ही लगभग आधा दर्जन जिलों में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों के अनुपातहीन निवेश की जानकारी मिलने के बाद रजिस्ट्री दफ्तरों से सम्पर्क साधा जा रहा है। इन अफसरों और नेताओ के वर्तमान आयकर रिटर्न और निवेश की पड़ताल में काफी गड़बड़ी पाई गई है। हालाँकि जांच अभी प्रारम्भिक चरणों में बताई जा रही है। इस जांच पड़ताल में ही प्रदेश में चल रहे काले कारोबार की हकीकत सामने आ गई है।

सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने राज्य में घटित घोटालो और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच में प्रगति के लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति की है। जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय में तैनात यह अफसर विभिन्न जांच एजेंसियों के बीच कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी संभालेंगे।इस बीच बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में ED के हत्थे चढ़े तमाम आरोपियों को प्रारंभिक चरण की पूछताछ के बाद दिल्ली तिहाड़ जेल स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सूत्रों के इस दावे पर जल्द मुहर लगने के आसार बताए जा रहे है। 

यह भी बताया जा रहा है कि सूर्यकांत तिवारी अभी तक जिस तर्ज पर जांच एजेंसियों का सहयोग कर रहा है,उससे कुछ चुनिंदा नेताओं और अफसरों के कुनबे पर संकट खड़ा हो सकता है।यही नहीं रिमाण्ड अवधि से पूर्व उसकी पूछताछ ख़त्म होने और एक बड़ी कार्यवाही की ओर ED के कदम लगातार बढ़ रहे है।लिहाजा सूत्र बता रहे है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल तमाम आरोपियों के लिए सुरक्षित ठिकाने के रुप में चिन्हित की गई है। कहा जाता है कि इससे अधिकारियों को भी निष्पक्ष जांच के लिए वातावरण उपलब्ध हो पाएगा। फिलहाल कल 1 नवम्बर को प्रदेश के दागी अफसरों से होने वाली पूछताछ पर लोगो की निगाहें लगी हुई है।