बलरामपुर। छत्तीसगढ़ में विकास का आधुनिक मॉडल कई लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। सड़कों के चौड़ीकरण या फिर अपने पुराने घर को नए स्थान पर शिफ्ट करने की अनोखी तकनीक अब प्रदेश में इस्तेमाल हो सकेगी। इसके जरिये दो मंजिला पक्का मकान को भी बिना तोड़े और नुकसान पहुँचाये शिफ्ट किया जा सकता है। आमतौर पर ऐसा नजारा महानगरों में ही देखने मिलता था। लेकिन यह तकनीक अब छत्तीसगढ़ में भी उपलब्ध हो गई है। घरों को शिफ्टिंग होते देखने के लिए कई लोग जुट भी रहे है। दरअसल, बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर पंचायत में इस तकनीक के इस्तेमाल से कई लोग अपने घरों की शिफ्टिंग में जुटे है। इस तकनीक का लाभ उठाने वाले लालमोहन पाण्डेय बताते है कि करीब 20 वर्ष पूर्व उन्होंने दो मंजिला पक्का मकान बनवाया था।
इस मकान में वे अभी मेडिकल स्टोर संचालित करते है। उनके मुताबिक परेशानी इस बात की थी कि जब रामचंद्रपुर में आबादी बढ़ी तो क्षेत्र में सड़क का विस्तार हुआ। सड़क का चौड़ीकरण किया गया. जिससे उनका मकान सड़क की जमीन में फंस गया। प्रशासन और PWD विभाग के द्वारा बार-बार जमीन खाली करने के लिए उन्हें नोटिस दिया जा रहा था। उनके मुताबिक 60-70 लाख रुपये की लागत से बने इस मकान को पीडब्ल्यूडी सड़क के चौड़ीकरण के कारण हटाना अनिवार्य हो गया था। इस बीच उन्हें नई तकनीक का पता पड़ा। उन्होंने फ़ौरन कार्य शुरू कर दिया। उनके मुताबिक घर तोड़े बिना जैक के सहारे सड़क से 60 फीट पीछे घर को शिफ्ट करवा रहे है। उन्हें इसके लिए उसे 10 लाख खर्च करने पड़ रहे हैं.
बस्ती में 50 मजदूरों ने करीब 350 से अधिक जैक लगाकर इस दो मंजिला मकान को 3 फीट ऊपर तक उठा दिया है, इसे सावधानी पूर्वक चैन के माध्यम से धीरे-धीरे 50 फीट पीछे की ओर ले जाने की प्रक्रिया जारी है। मौके पर घर को दूसरे जगह शिफ्ट होता देख आसपास के क्षेत्र के लोगों की यहाँ भीड़ जुटी हुई है। पांडेय के मुताबिक घर तोड़ने से मकान मालिक को लाखों का नुकसान होने वाला था, लेकिन अब तकनीक के उपलब्ध होने से वे घर को सही सलामत दूसरे जगह पर शिफ्ट कर रहे है। जानकारी के मुताबिक कारीगरों को शिफ्ट करने में कम से कम 1 महीने का वक़्त लगेगा. इसके लिए बाकायदा सीसी रोड का निर्माण भी किया जा रहा है, जिसमे जैक वाले चक्के के सहारे मकान को शिफ्ट किया जायेगा।