छत्तीसगढ़ में नाबालिग स्कूली बच्चों ने अंतर्राष्ट्रीय डाटा हैकिंग की घटना को दिया अंजाम, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और क्रेडिट कार्ड हैक कर लगाया लाखों का चूना, पुलिस ने दबोचा, मोबाइल समेत महंगे इलेक्ट्रानिक डिवाइस समेत 25 लाख से ज्यादा का माल जब्त, हैकर बनकर कई बड़ी कम्पनियों को बनाया अपना शिकार, उफ़ ये उस्ताद बच्चे

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बिलासपुर / अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड को हैक कर धोखाधड़ी करने वाला शख्स कोई नाबालिग बच्चा होगा, इसकी किसी को उम्मीद ना थी | लेकिन पुरानी कहावत है, देखन में छोटे लगे, घाव करे गंभीर | यह कहावत उस समय नज़र आई जब पुलिस ने नाबालिग बच्चों का एक गैंग अपनी गिरफ्त लिया | इस बच्चों को देखकर खुद पुलिस भी हैरत में पड़ गई | दरअसल प्राक्सी सर्वर का उपयोग कर बच्चों के इस गिरोह ने आईपी एड्रेस बदलकर तथा सोशल मीडिया में लड़कियों का फर्जी आईडी बनाकर कई साइबर अपराधों से जुड़ी घटनाओं को अंजाम दिया |

लाख से ज्यादा का माल जब्त

छत्तीसगढ़ में इस तरह की धोखाधड़ी का यह पहला मामला है | जिसमे साइबर क्राइम की घटना को अंजाम देने वाले तीन नाबालिग बच्चों को अभिरक्षा में लिया हैं | उनके कब्जे से 25 लाख के मोबाइल, लैपटाप, इलेक्ट्रानिक डिवाइस जब्त की गई है | दरअसल बिलासपुर में साइबर ठगी की घटनाओं को लेकर रेंज आईजी दीपांशु काबरा के निर्देश पर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने एक टीम गठित की थी | शिकायतों की जाँच के दौरान साइबर सेल टीम ने ऐसे गैंग की डिजिटल सर्विलेंस के माध्यम से पतासाजी की जो ऑनलाइन ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था | ये बच्चे किसी प्रोफेशनल गिरोह की तर्ज पर साइबर क्राइम कर रहा था |

पुलिस उस वक़्त हैरत में पड़ गई जब उसे पता चला कि शहर के कुछ अच्छों घरों के बच्चे इस रैकेड में शामिल है | ये बालक, हैंकिंग के नये-नये तरीके यु-टयूब, गूगल, डब्ल्यू-थी स्कूल साइट से लोगों को चूना लगाने के गुर सीखकर मौजमस्ती में जुटे थे | पुलिस हैरान थी कि ये बच्चे जल्द ही अधिक पैसे कमाने के लालच में साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दे रहे थे | इन बच्चों ने फेसबुक, इस्टाग्राम ईत्यादि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लड़कियों के नाम की कई फर्जी एकाउंट बनाकर लोगों से चैटिंग भी शुरू की थी | कुछ को तो उन्होंने वीडियों कॉलिंग कर उनका आपत्तिजनक वीडियों कॉल तक रिकार्ड किया था |

इस बातचीत को वे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर अवैध रकम ऑनलाईन पेमेन्ट वॉलेट के माध्यम से वसूल भी कर रहे थे | इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जब अपराध की विवेचना शुरू की तो कोई बाहरी गैंग के बजाये स्थानीय बच्चों से उसके तार जुड़ने लगे | पुलिस ने एक के बाद एक तीन बच्चों को अपने कब्जे में लिया | उनके बाकि साथियों की तलाश जारी है | पकड़े गए बालकों से पूछताछ करने पर पता चला कि बचपन से ही ये बच्चे मोबाइल, कम्प्युटर से विभिन्न हैकिंग साईट्स का उपयोग कर इतने पारंगत हो गए कि वे सोशल साईट्स को भी आसानी से हैक करने लगे |

इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने हैंकिंग की कई विधियां सीखी | जब उन्हें साइबर क्राइम में मजा आने लगा तो उन्होंने इस क्षेत्र में और आगे बढ़ते हुए अंतराष्ट्रीय स्तर पर ईटरनेट के जरिये कई अपराध करना शुरू कर दिया | वे केडिट कार्ड सर्वर के माध्यम से अंततराष्ट्रीय केडिट कार्ड नम्बर हासिल कर उसका उपयोग विभिन्न शॉपिंग साइट से महंगे आई-फोन, आई-पैड, घड़ी एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण खरीदने लगे | फिर उसे ऑनलाइन बुलवा कर अलग-अलग लोगों को सस्ते दामो पर बेचने लगे | इससे मिलने वाली नगद रकम का वो आपस में बंटवारा कर लिया करते थे | इन्होने कई लोगों को लाखों का चूना लगाया |

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