Meta ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook पर धोखाधड़ी कर लोगों को इंवेस्टमेंट के नाम पर फंसाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. कंपनी ने बताया कि उसने 23,000 से ज्यादा फर्जी अकाउंट्स और पेज हटा दिए हैं, जो भारत और ब्राजील के यूजर्स को निशाना बना रहे थे. इन स्कैमर्स ने लोगों को चकमा देने के लिए मशहूर यूट्यूबर, क्रिकेटर्स और बिजनेस हस्तियों के नकली वीडियो (Deepfakes) बनाए. इन वीडियो में ऐसा दिखाया गया जैसे ये लोग कुछ खास निवेश ऐप्स और जुए की वेबसाइटों का प्रचार कर रहे हों.
पहले सोशल मीडिया पोस्ट्स के ज़रिए लोगों को ‘जल्दी पैसा कमाने’ वाले ऑफर दिखाए जाते थे. फिर उन्हें चैटिंग ऐप्स (जैसे WhatsApp या Telegram) पर ले जाकर इंवेस्ट करने की सलाह दी जाती थी. इसके बाद, उन्हें एक नकली वेबसाइट पर भेजा जाता था जो Google Play Store जैसी दिखती थी, और वहां से उन्हें जुए या नकली निवेश ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता था.
Meta ने कहा, ‘ये स्कैमर्स लोगों को फर्जी स्कीम्स में पैसा लगाने का लालच देते हैं, जैसे क्रिप्टोकरेंसी, शेयर मार्केट या रियल एस्टेट में जबरदस्त रिटर्न देने का झांसा दिया जाता है.’ कंपनी ने ये भी बताया कि कई स्कैमर ‘Facebook Marketplace’ पर भी एक्टिव थे, जो खुद को असली सेलर दिखाकर लोगों से एडवांस पेमेंट मंगवाते थे. एक ट्रिक में स्कैमर किसी चीज के लिए जानबूझकर ज्यादा पैसे भेजते हैं और फिर रिफंड मांगते हैं. बाद में असली पेमेंट को कैंसिल करके दोनों रकम लेकर भाग जाते हैं.
Meta ने कहा कि अब वह अपने प्लेटफॉर्म पर ‘सतर्कता बढ़ा रहा है’. अगर कोई अकाउंट संदिग्ध लगता है या कोई यूजर बिना डिलीवरी के पहले पेमेंट मांगता है, तो यूजर को वार्निंग दिखाई जाएगी. साथ ही, सेलिब्रिटी के नाम पर चल रहे स्कैम्स को पकड़ने के लिए कंपनी अब चेहरे की पहचान वाली तकनीक (facial recognition) का इस्तेमाल कर रही है. यह पहचान प्रक्रिया ऑप्शनल है, यानी इसे यूजर अपनी मर्ज़ी से चालू कर सकते हैं.
Meta ने बताया कि वह भारत सरकार की कई एजेंसियों जैसे दूरसंचार विभाग (DoT), उपभोक्ता मामले विभाग (DoCA) और भारतीय साइबर क्राइम केंद्र (I4C) के साथ मिलकर ऑनलाइन सुरक्षा और डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है. कंपनी ने देश के 7 राज्यों में पुलिस और अन्य अधिकारियों को स्कैम्स से निपटने के लिए ट्रेनिंग वर्कशॉप्स भी करवाई हैं.