
मुंबई : -बॉलीवुड की ऐसी फिल्में, जिसमे सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे, जैसे फिल्मांकन अब मुंबई पर भारी पड़ रहे है | माया नगरी के चर्चित नाला -सुपारा इलाक़े से ऐसी साजिश सामने आई है, जिसमे मसाला फिल्मों की तर्ज पर आरोपियों ने सनसनीखेज मर्डर को अंजाम दिया | क्राइम सीन देखकर एक बार फिर इंदौर की सोनम -राजा की दास्तान तरो -ताजा हो गई है | यहाँ पति -पत्नी और वो की आपराधिक दास्तान में पति की न केवल जान चली गई बल्कि प्रेमी ने घर में ही पति को दफना दिया | उसकी कब्र बनाकर परिजनों को गुमराह करने में भी क़ामयाब रहे | लेकिन पत्नी की बेवफ़ाई की भनक लगते ही पीड़ित परिवार ने घटना की सुचना पुलिस को दी | इसके बाद मुंबई पुलिस की क्राइम टीम ने आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को धर -दबोचा | पत्नी चमन का पति की मौत का प्लान आपराधिक क्रियाकलापों से जुडी फिल्मो की तर्ज पर धूम मचा रहा है | पत्नी की एक चाल ने सब कुछ साफ़ कर दिया |

दरअसल, पति को मौत के घाट उतारने के बाद चमन ने पति के परिजनों को फोन कर कहा कि घर में मरम्मत का कुछ काम कराना है। घटना के अगले दिन सुबह पति विजय चौहान का भाई अजय जब उनके घर पंहुचा तब देखा कि बेडरूम की टाइल्स टूटी हुई है। इस दौरान पति विजय के शहर से बाहर होने का हवाला देते हुए चमन ने बैडरूम की मरम्मत की जिम्मेदारी अपने देवर अजय को सौंप दी | बैडरूम का जायजा लेते हुए अजय ने अपनी भाभी से आखिर पूछा घर के अंदर भला खुदाई की ऐसी क्या जरूरत पड़ गई ? चालाक चमन ने फ़ौरन जवाब देते हुए बताया कि ईमारत की पाइप जाम हो गई थी, तो यहीं खुदवाकर पाइप की मरम्मत करा दी। उसने बैडरूम के खुदे हिस्से में टाइल्स लगवाई और मौंके पर बचा हुआ मलबा पीछे नाले में फेंक कर अपने घर चला गया।

मुंबई के नालासोपारा में रहने वाले विजय चौहान के भाई अजय को इस बात का इल्म भी नहीं था कि अनजाने में वो अपने भाई की कब्र पर टाइल्स लगा रहे हैं। उन्हें इसका पता तब चला जब 21 जुलाई, 2025 की सुबह उसके भाई विजय के मकान में मुंबई पुलिस की एक टीम ने दस्तक दी और उसी स्थान पर खुदाई शुरू की। पुलिस की भनक लगते ही विजय के परिजन भी उसके घर पहुंचे | इससे पहले की वे कुछ समझ पाते, शाम करीब 6 बजे, लगभग 4 फुट की गहराई से बेडरूम से एक लाश निकाली गई। लाश देखते ही परिजन बिलख पड़े | उसकी पहचान घर के मालिक और चमन के पति विजय चौहान के तौर पर हुई है।

पुलिस के मुताबिक, लाश की हालत देखकर ये अंदाजा लग गया था कि मौत 10-12 दिन पहले हुई है। एक जानकारी के बाद पुलिस मौंके पर पहुंची थी | मुखबिर की गोपनीय सूचना के बाद पुलिस को पहला शक चमन पर हुआ | यहाँ दस्तक देते ही पुलिस ने पत्नी से लापता विजय के बारे में जानकारी ली | लापता पत्नी चमन पूरे समय पुलिस को गुमराह करते रही | इस बीच चमन के प्रेमी मोनू को भी पुलिस ने धर -दबोचा | लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है | पुलिस हिरासत में आरोपियों से पूछताछ जारी है | जानकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में ही पता चला कि चमन ने ही प्रेमी मोनू के साथ मिलकर अपने पति विजय के मर्डर की साजिश रची थी | आरोपी मोनू इलाके का बदमाश बताया जाता है | चमन पिछले दो सालों से अपने पति को धोखा दे रही थी | जाँच में यह भी सामने आया है कि पति विजय की लाश को अपने ही घर में दफन कर दोनों आरोपी मौज -मस्ती के लिए पुणे पहुंचे थे | उन्हें इस क़त्ल के खुलासे का कतई अंदेशा नहीं था | उन्हें पुणे से गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है |

जानकारी के मुताबिक विजय और उसका परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के कलीचाबाद गांव का रहने वाला है। यह परिवार पिछले करीब 10 सालों से मुंबई में इंटीरियर डेकोरेशन और सिविल वर्क का काम करता है | 28 साल की चमन देवी उर्फ गुड़िया और 30 साल के विजय का ढाई साल का एक बेटा भी है। जबकि चमन के प्रेमी मोनू की उम्र महज़ 21 साल बताई जा रही है | ये परिवार नालासोपारा के गाड़ी पाड़ा इलाके में ओम साई वेलफेयर सोसाइटी की एक चॉल में निवासरत है। विजय के दो भाई अजय और अखिलेश भी इसी सोसाइटी के आस-पास रहते हैं।

पुलिस के मुताबिक, विजय के गायब होने की खबर तब लगी, जब छोटे भाई अखिलेश ने पैसों की कुछ पर जरूरत उसे कॉल किया। विजय का फोन लगातार बंद आने पर अखिलेश परेशान होकर भाई से मिलने के लिए उसके घर पहुंच गया। यहां उसकी भाभी चमन ने परिजनों को बताया कि विजय कुछ दिनों पहले ही काम के सिलसिले में कुर्ला गया हुआ है। हप्ते भर बाद भी उसका फ़ोन स्विच ऑफ आया | अखिलेश ने करीब 9 दिन बाद फिर भाई और भाभी दोनों को फोन किया लेकिन इस बार भाई के साथ-साथ भाभी चमन का फोन भी लगना बंद हो गया। इस दौरान अनहोनी की आशंका होने पर दोनों भाई 20 जुलाई को दोबारा अपने भाई विजय के घर पहुंचे | पड़ोसियों से उन्हें चमन और मोनू की प्रेम कहानी पता पड़ी | इस दौरान अजय को शक हुआ कि कमरे के अंदर हालिया लगाई गई नई टाइल्स के नीचे कोई राज तो दफ़न नहीं है | उसका शक और बढ़ा, फिर पुलिस को लापता विजय के बारे में सूचना दी गई।