रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना
रायगढ़ / शहर से महज लगभग बीस किमी की दूरी पर स्थित अड़बहाल गांव में राजस्व कोटवारी भूमि पर कई इमारती पेड़ की अवैध कटाई कर दी गई। बिना अनुमति काटे गए राजस्व कोटवारी जमीन पर पेड़ के ठूंठ व उसका गोला अब भी पड़ा हुआ है और इस दिशा में न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने किसी को इसकी सूचना दी है और न ही इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई की जा सकी है। यही नहीं पेड़ को काटने वालों में क्षेत्र के एक कांग्रेसी नेता का नाम सामने आ रहा है।
विदित हो कि कांग्रेस सरकार के द्वारा इन दिनों पौधे लगाने सहित पेड़ पौधों को सरंक्षित रखने की दिशा में कई प्रकार की योजना चलायी जा रही है, पर विडबंना है कि स्थानीय तथाकथित नेता ही पेड़ों की अवैध कटाई कराने में लगे हुए हैं।
कुछ इसी तरह का मामला अड़बहाल क्षेत्र में देखने को मिला है। जहां कोटवारी भूमि व उससे लगी हुई एक नीजी भूमि पर लगभग दस से बारह सराई के पेड़ों को काट दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि गांव की कोटवार गुरूवारी बाई की कोटवारी भूमि से लगा हुआ गांव के गौटिया रामलाल पटेल का भी जमीन है और कोटवारी भूमि व रामलाल की जमीन पर लगभग दस से बारह पेड़ को बिना अनुमति के काट दिए गए हैं और इस कटाई में कोटवार का कहना है कि रामलाल ने पेड़ों को काट दिया है। इसकी जानकारी क्षेत्र के पटवारी प्रभात कुजूर व सरपंच कमल को भी है, पर पटवारी के द्वारा भी आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही सरपंच के द्वारा किसी प्रकार की कोई लिखित में सूचना दी गई है।
लगभग पखवाड़े भर से अधिक समय तक यहां काटे गए पेड़ के गोले व ठूंठ पड़े हुए हैं। जब हमें इस अवैध कटाई की जानकारी हुई तो मौके पर देखा गया कि बड़े बड़े साल के लगभग दस से अधिक पेड़ों को काट कर वहीं छोड़ दिया गया है और मामले में गांव के लोग कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं, पर कोटवार गुरूवारी बाई से जब इस बारे में पूछा गया तो उसका कहना है कि पेड़ को रामलाल पटेल ने कटवाया है और उसका कहना है कि गांव के गौटिया व कोटवारी भूमि लगी हुई है। उसने बताया कि किसी से उसने कोई शिकायत तो नहीं की है, पर पटवारी को इसकी जानकारी है। इसके बाद भी पटवारी के द्वारा अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना न देकर पेड़ काटने वाले के साथ सांठगांठ कर मामले को दबाने का प्रयास किए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है और उक्त जमीन को वन भूमि के करीब होना बता कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल रहा है। इससे क्षेत्र के पटवारी के प्रति भी लोगों का आक्रोश यहां देखने को मिल रहा है।
गांव के कुछेक लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त में यह भी बताया कि कुछ फलदार पेड़ों को भी कोटवारी के घर आगे काट दिया गया है। गांव में लंबे समय से स्थानीय नेता के द्वारा दबंगई दिखाया जा रहा है और इसके बाद भी यहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि गांव में रहने के कारण शिकायत करने में परेशानी होती है, पर जब पटवारी व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को इस तरह के मामले की जानकारी होती है, तो वे भी मामले को दबाने के लिए आगे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। विभागीय जानकारों ने बताया निजी भूमि पर लगे इमारती पेड़ों की कटाई के लिए भी अनुमति लेना होता है और बिना अनुमति पेड़ काटने पर संबंधित विभाग के द्वारा कार्रवाई की जाती है, पर यहां कांग्रेसी नेता के दबाव में आकर अब तक कोई कार्रवाई क्षेत्र के पटवारी व संबंधित अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है |
पखवाड़े भर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मामले की जानकारी राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों को नहीं दी गई है। कोटवारी जमीन व गांव के गौटिया की जमीन आसपास है। साल के इमारती पेड़ों को रामलाल पटेल ने कटवाया है। इसकी जानकारी पटवारी को है। मैं अभी देखा नहीं हूं। पेड़ को मैंने नहीं कटवाया है। मैं सूना हूं कि पेड़ का कटाई के बाद उसका रुपए कोटवार ले ली है। मेरे उपर जो आरोप लगा रहे हैं वह गलत है। जंगल से लगा हुआ जमीन है। सीमांकन के बाद आगे कुछ किया जाएगा। उच्चाधिकारियों को सूचना नहीं दी गई है। जंगल विभाग के कर्मचारियों के साथ सीमाकंन किया जाएगा। मुझे कोटवार माध्यम से मामले की जानकारी हुई थी। पटवारी व वनकर्मियों को इसकी मौखिक सूचना दिए थे। लिखित में सूचना नहीं दिया गया है।