नई दिल्ली:- खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है। 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष अपने देश के लिए हर हाल में आजादी चाहते थे। ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की आज 125वीं जयंती है।बोस की जयंती पर संसद भवन के सेंट्रल हॉल में उन्हें सुबह 10:30 बजे पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी की भव्य ग्रेनाइट प्रतिमा स्थापित करने की सरकार की योजना की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि जब तक भव्य प्रतिमा पूरी नहीं हो जाती तब तक ग्रेनाइट की प्रतिमा के लिए चिन्हित स्थान पर एक होलोग्राम प्रतिमा मौजूद रहेगी।प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा। मैं नेताजी की जयंती 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा।”
प्रधानमंत्री यह अनावरण शाम 6 बजे करेंगे।केंद्र सरकार ने उनकी जयंती के साथ यानी 23 जनवरी से गणतंत्र दिवस समारोह शुरू करने का फैसला किया है। इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
नेता जी की प्रतिमा निर्माण की जिम्मेदारी नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गडनायक को सौंपी गई है। प्रतिमा के लिए पत्थर तेलंगाना से लाया जा रहे हैं।इस प्रतिमा का डिजायन संस्कृति मंत्रालय ने तैयार किया है। गडनायक ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही प्रतिमा बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रतिमा नेताजी के मजबूत किरदार का दर्शन कराएगी।स्वतंत्रता के इतिहास के महानायक बोस का जीवन और उनकी मृत्यु भले ही रहस्यमय मानी जाती रही हो, लेकिन उनकी देशभक्ति सदा सर्वदा असंदिग्ध और अनुकरणीय रही।