छत्तीसगढ़ में ED बाबा और 40 चोर, इस दरबार में ”मुर्गा” आसन से तोते की तर्ज पर टें-टें कर रहे कई कारोबारी, फिर हाजिर होने का फ़रमान, बगैर तंत्र-मंत्र और दान-दक्षिणा के भ्रष्टाचार की बीमारी का इलाज,बिल्कुल फ्री, देखे नजारा

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में ED बाबा की धुंआधार कार्यवाई जारी है। उनके दरबार की महिमा दूर-दूर तक सुनाई दे रही है। इस दरबार में बाबा के खादिमों ने भ्रष्टाचार की बीमारी से पीड़ित कई मरीजों की सुध ली। मुफ्त के इलाज़ में फायदा देख अब प्रदेश भर से आने वाले मरीजों का ED बाबा के दरबार में ताँता लगा हुआ है। 

न्यूज़ टुडे संवाददाता ने जब इस दरबार जायजा लिया, तो इलाज के तौर -तरीको की परम्परागत छठा देखने को मिली। यहाँ कई ला -इलाज बीमारी से ग्रसित मरीज भी स्वस्थ होते देखे गए। इस चमत्कारिक दरबार से आप भी वाकिफ हो सकते है। मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए इन दिनों ED बाबा रायपुर में 24 x 7 उपलब्ध है। उनके आशीर्वाद से कई लोगों के दिमाग में घर बना बैठे भ्रष्टाचार के कीड़े तेजी से भागते नजर आ रहे है।  

राज्य में सरकारी मशीनरी जाम कर प्रतिमाह लगभग 800 करोड़ की उगाही करने वाले भ्रष्ट अफसरों, नेताओं और उनके नाते – रिश्तेदारों की खबर ली जा रही है।इस मुहीम में ED बाबा के दरबार में कई लोग सीधी चाल में हाजिरी लगाते देंखे जा सकते है। लेकिन लौटते वक्त उनकी चाल और ढाल,दोनों लड़खड़ाते हुए नजर आती है।ऐसे लोगो के चेहरे देखने के बाद हमारे सहयोगी ने बाबा के दरबार में इलाज का जायजा लिया। यहाँ ट्रामा सेंटर में प्राचीन पद्धतियों से इलाज के नुस्खे ,कारगर दिखाई दिए। खासतौर पर योगमाया का ‘मुर्गा” आसन।      

रायपुर में यह दरबार इन दिनों काफी चर्चित हो रहा है। ये दरबार ”ED बाबा” का बताया जाता है। जानकार बताते है कि यह एक अलौकिक शक्तियों से परिपूर्ण सच्चा दरबार है। इस दरबार में बाबा जी की छाया पड़ते ही कई ऐसे मरीज ठीक हो रहे है, जो सालों से ला -ईलाज भ्रष्टाचार जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थे।

हालांकि कई मरीजो को विरासत में मिली इस खानदानी बीमारी से निजात दिलाने के लिए बाबा जी कभी उनके शरीर में ”भभूत” का लेप लगाते है, तो कभी ”प्रसाद” देकर उनकी समस्या का हाथो-हाथ हल निकाल देते है।बताया जाता है कि इस अनोखे दरबार में ब्लैकमनी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर आपराधिक बीमारियों का तो चुटकी बजाते ही निदान हो जाता है।बता दे कि, ED बाबा के दरबार में कई जेनेटिक बीमारियों के भी सफलतापूर्वक इलाज की कई घटनाएं देश भर से सामने आ चुकी है।

बाबा के दरबार में भक्तो का ”मेला” लगा है। इस मेले में कोल कारोबारी साहूकारों से लेकर कोयला चोर ,DMF फंड के दलाल, माफिया और अपने पद और अधिकारों का दुरुप्रयोग करने वाले कई जनता के नौकर ”हाथ – पांव फैलाये” चहल कदमी करते नजर आ रहे है। इनमे से कई की चाल काफी बिगड़ी नजर आती है। इतनी की उस शख्स के लड़खड़ाते कदमो को देखकर सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जनाब ने दिन में ही टिका ली है।

बताया जाता है कि इंसाफ की राह में रोड़ा बने कई मरीज, बाबा के दरबार में ”मुर्गे” बनकर इधर -उधर दाना चुगते दिखाई दे रहे है।यहाँ अपने स्वास्थ लाभ और तनाव मुक्त रहने के लिए कई कारोबारियों और उद्योगपतियों को ” मुर्गा आसन” करते देखा जा सकता है। इस आसन में उन्हें तने देखकर यहाँ दस्तक देने वाले लोग हैरान है।

बताया जा रहा है कि कई भक्तों को पहली बार ”ED” बाबा के दर्शन हुए है। तजुर्बे की कमी के चलते ऐसे कई कारोबारी भक्त, दरबार की महिमा से, बेखबर बताए जाते थे। लेकिन अब दरबार में हाजिर होने से उन्हें ED बाबा की शक्ति का एहसास हो गया है। बताया जाता है कि,नए-नवेले कई भक्त पहले की तर्ज का मामला नहीं समझ रहे है। इस बार उन्हें अपने कर्मो का हिसाब-किताब ठीक ढंग से बताना पड़ रहा है। वर्ना बचा कुचा इंसानी जीवन उन्हें मुर्गे की तर्ज पर बिताने का ख़तरा सिर पर मंडराते नजर आता है। 

भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने वाले कई भक्त चंद मिंटो में ही अपनी उलझने छोड़ सच की राह पर आगे बढ़ते नजर आ रहे है। हृदयपरिवर्तन से पूर्व ऐसे भक्तों को ED बाबा अपनी शक्ति का एहसास कराते है। बाबा के दरबार में ऊंच-नीच ,जात-पात का कोई भेदभाव नहीं किया जाता। बाबा जी स्वेच्छानुसार ” मुर्गा” आसान का आशीर्वाद देते है। 

बताया जाता है कि इस आसान को ग्रहण करने के बाद सच्चाई से परहेज करने वाले कारोबारियों के मुंह से तोते की तर्ज पर सच का ” टें-टें” शालीनता के स्वरो के साथ खुद-ब खुद फूंट पड़ता है।इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ED बाबा का दरबार सजा हुआ हैं। यहाँ प्रदेश के कोने – कोने से कई मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है। इनमे से कई ऐसे है जिन्हे विरासत में मिली भ्रष्टाचार की बीमारी भारी बोझ महसूस हो रही है।

वो बाबा जी के समक्ष इसे मिटाने का संकल्प ले रहे है। इनमे से कुछ ऐसे भक्त भी है, जिन्होंने 15 मिनट से लेकर करीब 45 मिनट का मुर्गा आसन ग्रहण कर सच की अनुभूति की है। वे भी ED बाबा की ”जय – जय कार” कर रहे है। बताते है कि कुछ भक्तों ने हालिया मुर्गा आसन का स्वाद चखा था। इसके बाद उनकी जुबान ऐसी फिरी कि घर जाकर भी वे सच बोलने की हिम्मत जुटाने लगे है। 

मुर्गा आसन का लुफ्त उठाने वालो ने अपनी आपबीती परिजनों और CA के साथ भी साझा किया है। उनके शेयर किये गए तजुर्बे दरबार में हाजिर होने वालो अन्य भक्तो के लिए प्रेरणास्रोत साबित हो रहे है। फिलहाल ED बाबा के ”सत्य प्रेम और करुणा” संदेशो को भक्त घर-घर तक पहुंचा रहे है।