नई दिल्ली.Multiple Sclerosis : दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया इन दिनों आबकारी घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. नई दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में लगाई गईं सिसोदिया की बेल एप्लीकेशन लगातार रिजेक्ट होती जा रही हैं. जेल जाने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया (49) की बीमारी का भी जिक्र किया था और बेल एप्लीकेशन के वक्त भी उनके वकील की ओर से लगातार बीमारी का हवाला देकर जमानत की गुहार लगाई जा रही है. लेकिन अभी तक उनको जमानत नहीं मिली है. अब सिसोदिया की पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है और उनका दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है. दरअसल, सीमा सिसोदिया पिछले 23 सालों से मल्टीपल स्क्लेरोसिस ऑटोइम्युन नामक बीमारी से ग्रसित हैं.
जानकारी के मुताबिक मनीष सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया का इलाज चल रहा है. इस बीमारी की वजह से शरीर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है. इस कारण उनको चलने और बैठने में भी काफी परेशानी होती रही है. इसके लिए वह लगातार नियमित तौर पर फिजियोथेरेपी और दवाएं लेती रहती हैं.
मनीष जेल में, बेटा विदेश में पढ़ रहा
अहम बात यह है कि जब मनीष सिसोदिया शराब घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं और उनका बेटा भी यहां नहीं है. उनका बेटा विदेश में स्टडी कर रहा है. डॉक्टरों की माने तो मल्टीपल स्क्लेरोसिस ऑटोइम्युन ऐसी बीमारी है जोकि शरीर की कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाने लगती है. यह दिमाग के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को भी बहुत प्रभावित करती है.
इस कारण रोगी का दिमाग व शरीर के अन्य हिस्सों पर नियंत्रण कम होने लगता है. साथ ही मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं. बताया जाता है कि सीमा सिसोदिया पहले से ही मल्टीपल स्क्लेरोसिस की बीमारी से पीड़ित हैं. अपोलो में उनका लगातार इलाज चल रहा है. फिलहाल न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. गत मंगलवार को उनको अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर कई प्रकार के टेस्ट भी किए गए हैं.
किस तरह के होते हैं इस बीमारी के लक्षण
-शरीर में अजीब तरह की झुनझुनाहट होना, गर्दन की मूवमेंट पर इलेक्ट्रिक शॉक जैसा महसूस होना
-एक या एक से अधिक अंगों का सुन्न हो जाना या कमजोरी महसूस होना
-सिर का चकराना
-धुंधली नजर
-लंबे समय तक डबल नजर आना
-ठीक से अच्छी तरह से नहीं देख पाना, आमतौर पर एक समय में एक
आंख में समस्या
-अस्थिर चाल या चलने में आने वाली समस्या
-सेक्सुअल, बाउल और ब्लड फंक्शन में समस्याएं
-कॉग्निटिव समस्या
-दिमागी हालत का गड़बड़ाना
-स्पष्ट तरह से नहीं बोल पाना या बड़बड़ाते रहना
-तालमेल की कमी
किस तरह से हो सकता है इसका इलाज
डॉक्टर्स की माने तो यह बीमारी लाइलाज है. इस बीमारी से पीड़ित मरीज का इलाज सिर्फ उसकी स्थिति के हिसाब से किया जाता है जिससे उसके लक्षणों को मैनेज किया जा सके. ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके. यह सब कुछ मरीज पर निर्भर करता है कि वो उस इलाज के चलते कितना रिकवर कर पा रहा है. मल्टीपल स्केलेरोसिस बीमारी का इलाज सिर्फ मौजूदा लक्षणों को देखते हुए ही किया जाता है.