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Manish Sisodia से CCTV की निगरानी में होगी पूछताछ, हर 48 घंटे में होगा चेकअप, जानिए CBI की है क्या-क्या शर्तें

नई दिल्ली: आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक दिन पहले गिरफ्तार किये गये दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेजा दिया। जांच एजेंसी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया और उन्हें पांच दिन के लिए उसकी हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया। इसके बाद, विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया को चार मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।

सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है। आप नेता के वकील ने दलील दी, ‘‘मैं कोई निर्णय नहीं ले सकता। इसे उपयुक्त प्राधिकार द्वारा मंजूरी दी जानी होती है।’’ सिसोदिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी रिमांड के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया।

सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री हूं। मुझे बजट पेश करना है…कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है।’’ उन्होंने कहा,‘‘यह रिमांड से इनकार करने का एक उपयुक्त मामला है।’’ उन्होंने दलील दी कि सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के सदस्य के तौर पर कार्य किया और इसलिए फैसले के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, ना ही उस फैसले पर सवाल उठाया जा सकता है।

वहीं, जांच एजेंसी के वकील ने दलील दी कि गिरफ्तार किये गये उपमुख्यमंत्री को हिरासत में रख कर मामले में पूछताछ करने की जरूरत है। सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने दावा किया है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जांच से यह पता चला कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से फैसले लिये थे।

सिसोदिया की हिरासत के लिए लगाई गईं ये शर्तें
सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी वाले किसी स्थान पर ही पूछताछ की जाएगी और सकी फुटेज को संरक्षित किया जाएगा।
जज के आदेश के मुताबिक, सिसोदिया की हर 48 घंटे में एक बार मेडिकल जांच होनी चाहिए।
जज ने सिसोदिया को सीबीआई हिरासत के दौरान रोजाना शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच आधे घंटे के लिए अपने वकीलों से मिलने की इजाजत भी दी। एजेंसी के अधिकारी उनकी बातचीत नहीं सुन पाएंगे।
आदेश में कहा गया है कि इसके अलावा उन्हें हर दिन 15 मिनट अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
मनीष सिसोदिया को उनके लिए निर्धारित कुछ दवाएं लेने की भी अनुमति होगी।

गौरतलब है कि, सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में, कोर्ट से अनुमति लेने के बाद मामले के सिलसिले में दिल्ली सरकार के एक और मंत्री सत्येंद्र जैन से तिहाड़ जेल में पूछताछ की थी। जैन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में हैं। वह आबकारी नीति मामले में आरोपी नहीं हैं।

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