नई दिल्ली: इंटरनेट आर्काइव की आधिकारिक वेबसाइट को साइबर जालसाजों ने हैक कर लिया है. इससे बहुत से यूजर्स का संवेदनशील डाटा लीक हो गया है. एक फ़िलिस्तीनी हैकटिविस्ट ने इंटरनेट आर्काइव पर इस बड़े साइबर हमले की ज़िम्मेदारी ली है, जिसमें 31 मिलियन यूजर्स का निजी डेटा लीक हुआ है. साइबर हमले में ईमेल पते, स्क्रीन नाम और एन्क्रिप्टेड पासवर्ड हैक कर लिया, जिससे साइबर सिक्याोरिटी एक्सपर्ट ने यूजर्स से तुरंत अपना पासवर्ड बदलने का आग्रह किया. इस उल्लंघन ने डेटा गोपनीयता और लोकप्रिय डिजिटल लाइब्रेरी की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो अपनी वेबैक मशीन के लिए जानी जाती है.
9 अक्टूबर को सामने आए इस साइबर हमले में इंटरनेट आर्काइव की वेबसाइट पर जावास्क्रिप्ट (जेएस) लाइब्रेरी के हैक के बाद लाखों यूजर्स के डेटा का खुलासा हुआ. हैकर्स ने पॉप-अप में इंटरनेट आर्काइव का मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह हमेशा सुरक्षा उल्लंघनों के कगार पर है. इस बड़े स्तर के साइबर हमले से और डाटा सुरक्षित करने के लिए संगठन ने अपने जावास्क्रिप्ट लाइब्रेरी को बंद कर दिया है और वर्तमान में सिस्टम को साफ कर रहा है और सुरक्षा को बढ़ा रहा है.
सुरक्षा घटनाओं को देखते हुए इंटरनेट आर्काइव के संस्थापक ब्रूस्टर काहले ने एक सार्वजनिक अपडेट जारी किया. उन्होंने बताया है कि वेबसाइट पर एक DDoS हमला हुआ, जिससे वेबसाइट प्रभावित हुई और यूजरनेम, ईमेल और पासवर्ड का डाटा लीक हुआ है.
इंटरनेट आर्काइव के संस्थापक ब्रूस्टर काहले ने उल्लंघन और प्लेटफॉर्म को प्रभावित करने वाले डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमलों को स्वीकार किया. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में काहले ने लिखा, “हम क्या जानते हैं: डीडीओएस हमले को फिलहाल रोक दिया गया है; जेएस लाइब्रेरी के माध्यम से हमारी वेबसाइट को डिफ्रेम किया गया है. यूजर्स के नाम/ईमेल/सॉल्टेड-एन्क्रिप्टेड पासवर्ड का उल्लंघन किया गया. हमने क्या किया है : जेएस लाइब्रेरी को डिसएबल कर दिया गया है, सिस्टम को साफ़ किया जा रहा है, सुरक्षा को बढ़ाया किया जा रहा है, जैसा कि हम जानते हैं, और अधिक शेयर करेंगे.”