छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन नए कलेवर के साथ, पूर्व सीएम भूपे की सौम्या के बाद अर्चना और रानू को भी राहत की उम्मीद, जेल में बंद महिलाओं के प्रति सरकार का उदारवादी रवैया हैरानी भरा…  

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में सबसे चर्चित महिलाओं में से एक आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त राज्य की पूर्व सुपर सीएम सौम्या चौरसिया को तकनीकी आधार पर मिली जिला न्यायलय से जमानत सुर्ख़ियों में है। इसके साथ प्रदेश की महती महतारी वंदन योजना को भी पूरे उफान और नए कलेवर के साथ देखा जाने लगा है। किस्म-किस्म के अपराधों में लिप्त महिलाओं के प्रति सरकार का रवैया चर्चा में है। जानकारी के मुताबिक पिछले 2 साल से अधिक समय से जेल की हवा खा रही पूर्व CM बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को अदालत ने तकनीकी आधार पर जमानत दे दी है। इसकी क़ानूनी वजह भी सामने आई है। 

दरअसल, भूपे बघेल सरकार में सीएम सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत रही सौम्या चौरसिया के आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसीबी और EOW की स्पेशल कोर्ट ने एक फैसले में उन्हें 50-50 हजार की जमानत पर जेल से बाहर निकलने के लिए हरी झंडी दिखा दी है। स्पेशल कोर्ट ने दो सक्षम जमानतदारों  की शर्त पर जमानत स्वीकृत की है। हालांकि आरोपी सौम्या अभी जेल से रिहा नहीं होंगी, क्योंकि उनके खिलाफ कोल लेव्ही का केस का मामला अदालत में विचाराधीन है। आय से अधिक संपत्ति मामले में सौम्या चौरसिया ने स्पेशल कोर्ट में 7 जनवरी को जमानत याचिका दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि चार्जशीट पेश करने की निश्चित अवधि 60 दिन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। 61 दिन पूरे हो गए हैं, इस आधार पर आरोपी को जमानत दी जाए।

बताया जाता है कि EOW की तरफ से 8 जनवरी को अदालत में बहस निर्धारित करने की मांग की गई थी। इस दिन EOW की ओर से श्लोक श्रीवास्तव और मिथलेश वर्मा ने अदालत में अपने तर्क देते हुए दावा किया गया कि चार्जशीट पेश करने के लिए मियाद 90 दिन निर्धारित है। अभियोजन के तर्कों पर अपना पक्ष रखते हुए आरोपी सौम्या चौरसिया के वकील फैसल रिजवी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के साथ BNS की धाराओं का हवाला देते हुए कहा गया कि चार्जशीट 60 दिन में पेश नहीं होने पर उनके मुवक्किल को जमानत का अधिकार प्रभावशील हो जाता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वकील फैसल रिजवी के दलीलों से सहमत होती हुए निधि शर्मा तिवारी कोर्ट ने सौम्या को जमानत दे दी। हालांकि एसीबी में दर्ज एक अन्य प्रकरण कोल लेवी स्कैम में सौम्या चौरसिया को अभी तक जमानत नहीं मिली है, लिहाजा उनकी रिहाई अटक गई है। फ़िलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा।

सौम्या चौरसिया की जमानत अर्जी पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुर्ख़ियों में बताई जाती है। उधर महिला सशक्तिकरण की दिशा में बीजेपी सरकार के प्रभावी क़दमों से जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू के हौसले भी बुलंद बताये जाते है। उन्हें भी अपनी रिहाई का इंतज़ार है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की खासम-खास एक और स्वप्न सुंदरी अर्चना गौतम को भी राज्य की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार से राहत की उम्मीद है।

कांग्रेसी नेत्री और मैं लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ, फेम अर्चना ने सांसद प्रियंका गांधी के निज सचिव संदीप सिंह के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस में एक शिकायत उस दौर में दर्ज कराई थी, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के नेतृत्व में रायपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय सम्मलेन आयोजित किया गया था।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से पीड़िता अर्चना गौतम की शिकायत को दरकिनार कर दिया गया था। लेकिन इस मामले में उत्तर प्रदेश में दर्ज FIR पर शेष वैधानिक कार्यवाही का मामला अभी भी छत्तीसगढ़ पुलिस की अलमारी में कैद बताया जाता है। इस प्रकरण में पीड़िता अर्चना गौतम को बीजेपी सरकार से राहत की उम्मीद बंधी है। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ पुलिस के FIR दर्ज नहीं करने की सूरत में पीड़िता के पिता ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ मेरठ स्थित परतापुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी।

संदीप सिंह के खिलाफ धारा 504, 506, 509 और एससी-एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (द) और (ध) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बताया जाता है कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस ने क़ानूनी आधार पर एफआईआर दर्ज कर मामले की तफ्तीश छत्तीसगढ़ पुलिस को कारण बताते हुए सौंपी थी।

इसमें घटना स्थल रायपुर में होने के चलते यूपी पुलिस के हाथ बंधे बताये जाते थे। लिहाजा उसने शेष कार्यवाही हेतु प्रकरण रायपुर स्थानांतरित कर दिया था। बताया जाता है कि 2 साल बीत गए लेकिन इस प्रकरण पर कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं हो पाई। कांग्रेस नेत्री अर्चना के साथ भी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपे बघेल का करीबी नाता बताया जाता है। मैं लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ, उनका अंदाजे ए बयां पूर्व मुख्यमंत्री की खुशनुमा यादों में गिना जाता है।

अर्चना के राजनैतिक नेतृत्व के मामले में कलापारखी पूर्व मुख्यमंत्री की प्रेरणा से अर्चना ने सलमान खान के मेगा शो ‘बिग बॉस’ में भी कमाल दिखाया था। अब अर्चना को प्रदेश की बीजेपी सरकार से भी न्याय की आस जगी है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक अर्चना के कला कौशल से वाकिफ पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने भी उस पर इतने मेहरबान थे कि उन्होंने होटल के एकांत वास में उसे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सौंपने में देरी नहीं की थी।

आमतौर पर चर्चित नेताओं का पार्टी प्रवेश सार्वजनिक मंचों और जलसे में होता है। लेकिन कांग्रेस के इतिहास में यह पहला मौका बताया जाता है जब किसी मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में हाथ बढ़ाते हुए अर्चना गौतम को होटल के एक कमरे में पार्टी की सदस्यता दिलवाई थी। इसके साथ ही अर्चना का राजनैतिक करियर सवारने की मुहीम अपने कंधों पर ले ली गई थी। राजनीति में करवट बदलती बिकिनी गर्ल की पूर्व मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी खूब वायरल हुई थी।

यह भी बताया जाता है कि इस महिला नेत्री का कांग्रेस प्रवेश एक दूसरी बेला में पार्टी की प्रमुख नेता प्रियंका गांधी की मौजूदगी में दोबारा कराना पड़ा था। बताया जाता है कि इस घटनाक्रम के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसा जोश दिखाया कि बिकिनी गर्ल के नाम से मशहूर अर्चना गौतम को हस्तिनापुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया और उनकी जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।

हालांकि इस चुनाव में अर्चना की जमानत जब्त हो गई थी। उन्हें महज 1519 वोट ही मिल पाए थे। हस्तिनापुर में भाजपा के विधायक दिनेश खटीक ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में बिकिनी गर्ल अर्चना गौतम को सिर्फ 1519 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के दिनेश खटीक को 1 लाख 87 हजार वोट मिले थे. जबकि सपा के योगेश वर्मा को 1 लाख 275 वोट मिले थे. यानी सबसे निराशाजनक प्रदर्शन अर्चना गौतम का ही रहा। 

बिग बॉस फेम, अभिनेत्री और कांग्रेस नेता अर्चना गौतम प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ लगातार बगावती तेवर अख्तियार किए हुए हैं। बताते है कि वह संदीप सिंह के खिलाफ अपने बयान दर्ज करवाने जब सीओ ब्रह्मपुरी थाना मेरठ पहुंची तो उनके मुँह से सिर्फ आग निकलते रही।

इस दौरान उन्‍होंने कहा था कि संदीप सिंह ऐसा इंसान है जो अपने लोगों को आगे बढ़ाता है और महिलाओं के चरित्र और जाति पर कमेंट करता है। उसे महिला-पुरुष की रिस्पेक्ट नहीं हैं। संदीप सिंह आज पूरी कांग्रेस पार्टी को दीमक की तरह खा रहा है। मैं इसी पार्टी में रहूंगी और संदीप सिंह जैसों की छाती पर बैठकर मूंग दलूंगी। अर्चना गौतम ने कहा था कि संदीप सिंह के खिलाफ कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता बोलने की हिम्मत नही करता।

सभी को पार्टी से बाहर निकाले जाने का खौफ रहता है। अर्चना का आरोप है कि रायपुर, छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में संदीप सिंह ने उनको प्रियंका गांधी से मिलने से रोका था। संदीप ने उन्हें जातिसूचक अपशब्द भी कहे थे। संदीप सिंह के खिलाफ अर्चना ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया था। इसके बाद अर्चना के पिता गौतमबुद्ध ने मेरठ के परतापुर थाने में संदीप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

अर्चना ने कहा कि मैं मेरठ कोई समझौता करने के लिए नहीं आई हूं। अगर मुझे समझौता ही करना होता तो मैं मुंबई में कर लेती जब मेरे पास कॉल गया था। मैं अपनी लड़ाई खुद लडूंगी। मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं। अगर मैंने ही आज समझौता कर लिया तो देश की सारी महिलाएं अपने आप से समझौता करेंगी। वो मैं नहीं होने दूंगी। मैंने राजनीति में कदम रखा है और यहां समझौते के लिए नहीं आई हूं।

बहरहाल, छत्तीसगढ़ में उन महिलाओं के अच्छे दिन आने की संभावना बलवती हुई है, जो  भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मामलों में जेल की हवा खा रही है, महतारी वंदन जैसे अभूतपूर्व उपक्रमों ने उन्हें फील गुड का एहसास तो करा ही दिया है।