रायपुर/महासमुंद: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और महासमुंद के बीच दूरी अब कोई मायने नहीं रख रही है। नवा रायपुर से सटे ज्यादातर इलाके विकास की मुख्यधारा में शामिल हो गए है। इसमें महासमुंद ने अद्वुत रूप से बाजी मारी है, यहाँ सुव्यवस्थित बसाहट के साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी तेजी से मुहैया हो रही है, खासतौर पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना से यह जिला नई उचाईयां तय कर रहा है। रायपुर से महासमुंद मार्ग पर 50 किलोमीटर तक से ज्यादा के रकबे में मूलभूत सुविधाएँ तेजी से मुहैया कराई जा रही है। इस कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अचानक महासमुंद में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का रुख किया।

महासमुंद में निर्माणाधीन नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय 89.19 एकड़ में 325 करोड़ की अनुमोदित लागत से तैयार किया जा रहा है। यहाँ 125 सीटर मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली है। कॉलेज भवन का निर्माण कार्य दिसम्बर 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके अलावा आईटी और उच्चा शिक्षा के कई केंद्र इस ओर रुख कर रहे है। नए दौर में रायपुर से कई प्रोफेशनल यहाँ अपने शैक्षिक केंद्रों और अन्य संस्थानों का रुख कर रहे है। आमतौर पर महासमुंद से एक बड़ी आबादी दैनिक कामकाज के लिए रायपुर का रुख किया करती थी। लेकिन अब विकास की गति में शामिल इस जिले ने नई उपलब्धि हासिल कर कई जिलों को मात दे दी है। महासमुंद की प्रगति से वाकिफ स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि जल्द ही इस जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से मुहैया कराई जाएंगी।

मेडिकल कॉलेज के औचक निरीक्षण के दौरान नवीन भवन निर्माण कार्य की प्रगति और गुणवत्ता का जायज़ा लेने के बाद मंत्री जायसवाल ने अधिकारियों को तय समय के भीतर निर्माण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने भवन निर्माण में तेजी लाने और गुणवत्ता बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने दिसंबर 2025 तक सभी सिविल वर्क पूरे करने के निर्देश देने के साथ ही साफ कर दिया कि समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर नियमानुसार पेनाल्टी शुल्क लगाया जायेगा। उन्होंने संबंधित निर्माण एजेंसी को निर्देशित करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा के निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस दौरान अधिकारियों ने मंत्री को कॉलेज के निर्माण की वर्तमान स्थिति, कार्य प्रगति, भविष्य की योजना और संभावित समय सीमा की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित कटारिया, संभागायुक्त शिखा राजपूत, महासमुंद कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक, डीन डॉ. डीए रेणुका गहने तथा मेडिकल अधीक्षक डॉ. बसंत माहेश्वरी, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा,पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर,पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा, येतराम साहू एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला मौजूद था। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दावा किया कि प्रदेश में जिस तेजी से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, इससे छत्तीसगढ़ हाईटेक हेल्थ सेवा का गढ़ बनेगा।

उन्होंने बताया कि अंतिम छोर तक प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। इन दिनों श्याम बिहारी जायसवाल लगातार दौरे कर रहे है, प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की नब्ज टटोल रहे है। स्थानीय नागरिकों की समस्याओं को सुनने के बाद उसके त्वरित समाधान को लेकर दिए जा रहे दिशा-निर्देश खूब सुर्खियां बटोर रहे है। स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, “राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए अस्पतालों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है. आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं, हर नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना उनकी पहली प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसके लिए नई-नई तकनीकों और वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा मिल सके।” एक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि उनके दौरे के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हुई है, बंद पड़े कई उपकरणों को सुचारु बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि विष्णु देव साय की सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी।
