Maharashtra: एकनाथ शिंदे सरकार में 75 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ क्रिमिनल केस, रिपोर्ट में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

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महाराष्ट्र (Maharashtra) की नई सरकार के 75 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले (Criminal Cases) दर्ज हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के अनुसार, महाराष्ट्र के 75 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) के बाद, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच ने 2019 में विधानसभा चुनावों के दौरान प्रस्तुत सभी मंत्रियों के स्वयं-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया.

विश्लेषण के अनुसार, 15 (75 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 13 (65 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर सबसे अधिक 18 मामले दर्ज हैं, जिनमें एक गंभीर मामला भी है. वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर चार गंभीर आपराधिक मामले हैं.

मंत्रियों की संपत्ति को लेकर किया गया ये दावा
रिपोर्ट के मुताबिक, सभी मंत्री करोड़पति हैं और उनकी संपत्ति का औसत मूल्य 47.45 करोड़ रुपये है. एडीआर ने कहा, “सबसे अधिक घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री, मालाबार हिल निर्वाचन क्षेत्र से मंगल प्रभात लोढ़ा हैं, जिनकी संपत्ति 441.65 करोड़ रुपये है. सबसे कम घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री पैठण निर्वाचन क्षेत्र के भुमारे संदीपनराव आसाराम हैं, जिनकी संपत्ति 2.92 करोड़ है.” महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद में किसी महिला को जगह नहीं दी गई है.

कितने पढ़े-लिखे शिंदे के मंत्री
रिपोर्ट में बताया गया है कि आठ (40 फीसदी) मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि 11 (55 फीसदी) ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है. एक मंत्री के पास डिप्लोमा है. चार मंत्रियों की उम्र 41-50 साल और बाकी की 51-70 साल के बीच है.

कैबिनेट विस्तार में महिला को नहीं दी गई जगह
बता दें कि पिछले हफ्ते 40 दिनों के बाद महाराष्ट्र कैबिनेट का विस्तार किया गया था. जिसमें 18 नए मंत्रियों ने शपथ ली थी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना कोटे से नौ मंत्रियों और उनके सहयोगी बीजेपी के नौ नेताओं ने मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार में किसी महिला को स्थान नहीं दिया गया. जिसके कारण शिंदे सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा.