महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना के चलते 65 साल से अधिक उम्र के कलाकारों पर फिल्म शूटिंग पर लगाई रोक, उधर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में 65 पार के नेताओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए घर बिठाने की मांग, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्री मंडल में चार नेता 65 पार ? इनमे से तीन मुख्यमंत्री के दावेदार, पढ़े दिलचस्प खबर

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मुंबई /रायपुर – महाराष्ट्र से बड़ी खबर आ रही है | कोरोना संक्रमण के मद्देनजर और लॉकडाउन के दौरान लगी फिल्म शूटिंग की रोक हटा ली गई है , लेकिन एक महत्वपूर्ण शर्त के साथ | अब 65 की उम्र वाले कलाकार बॉलीवुड में फिल्मों-सीरियल में काम नहीं कर सकेंगे | दरअसल संक्रमण से बचाने के चलते उन्हें कामकाज से दूर रखा गया है | इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने WHO और भारत सरकार की ICMR की गाइडलाइन का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है |

गाइडलाइन में 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को घर से बाहर तक नहीं निकलने की की सलाह दी गई थी |  महाराष्ट्र सरकार ने  फिल्मों की शूटिंग 20 जून से दोबारा शुरू करने का एलान किया है | इस खबर के बाद बॉलीवुड में ख़ुशी की लहर है, तो वहीं कुछ कलाकार ऐसे भी है जिन्हे अपने फिल्मी करिअर की चिंता सता रही है | 

सीनियर अभिनेता राजा मुराद ने कहा, ‘सरकार का ये फैसला बेबुनियाद है, लॉजिकल नहीं है, बिना सिर पैर का है, ये बात बिल्कुल भी प्रैक्टिकल नहीं है | उनके मुताबिक फिल्मों में हीरो के पिता के रोल के लिए अब आप मास्टर राजू या जुगल हंसराज को बाप या दादा तो नहीं बना सकते हैं उसके लिए एक सीनियर एक्टर ही चाहिए|’ उन्होंने कहा कि ‘हम कोई खिलाड़ी नहीं है जिनका फॉर्म गुजरते वक़्त से साथ ढलता है, हम तो कलाकार है हमारा हुनर तो गुजरते वक्त के साथ और निखरता है |

क्या आप अमिताभ बच्चन से कहेंगे की आप काम करना छोड़ दे ,मिथुन चक्रवर्ती से कहेंगे , प्रेम चोपड़ा , शक्ति कपूर से कहेंगे अनिल कपूर से कहंगे की आप काम न करें | या फिर आप श्याम बेनेगल, महेश भट्ट , डेविड धवन से कहेंगे की आप अब फिल्मे न बनाए. ये सविधान में रूलिंग है कि आप किसी को चाहे वो किसी भी उम्र का क्यों न हो आप उसे उसकी रोजी रोटी कमाने से नहीं रोक सकते | रजा मुराद ने यह भी कहा कि काम करने के लिए ‘आप फिट है की नहीं इसका फैसला करने के लिए कोई मेडिकल प्रैक्टिसनर होना चाहिए जो कलाकार की जांच पड़ताल कर उन्हें काम करने के लिए क्लीन चिट दे सके |  

उधर कांग्रेस समर्थित महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के मद्देनजर 65 पार हो चुके नेताओं को घर बिठाने की मांग छत्तीसगढ़ में भी शुरू हो गई है | कई लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ध्यान इस ओर दिलाते हुए मांग की है कि ऐसे बुजुर्गों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उन्हें जल्द से जल्द घर बिठाया जाए | क्योकि राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है | सेहत के प्रति जागरूक लोगों का दावा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंत्री मंडल में चार ऐसे नेता है जो 65 पार हो चूंके है |

यही नहीं इस उम्र तक पहुंच चुके कई नेता निगम मंडल में काबिज होने का सपना भी संजोये हुए है | दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सुर्ख़ियों में रहे दो नेता 65 पार है , इनमे से संवैधानिक पद पर काबिज है | जबकि एक नेता जी की उम्र 70 बरस हो गई है |  उनके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए मौजूदा दौर में उन्हें भी WHO और ICMR की गाइडलाइन का पालन कराने पर जोर दिया जा रहा है | 

इधर ऐसी ही मांग मध्यप्रदेश में भी हो रही है | बीजेपी के भीतरखाने में 65 पार कर चुके नेताओं को मंत्री मंडल में शामिल ना करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पैगाम भिजवाया गया है | दरअसल राज्य में मंत्री मंडल गठन की कवायत जोरो पर चल रही है | हालांकि शिवराज सिंह चौहान विरोधी खेमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उम्र को लेकर भी चुनौती दे रहा है | उसकी दलील है कि पीएम मोदी 69 के हो चुके है | उन्हें भी WHO और ICMR की गाइडलाइन का पालन कर मिसाल पेश करनी चाहिए | 

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