बैंक में जादू, लॉकर में रखा था सोना बदला मार्बल पत्थरों में, बैंक ने खड़े किये हाथ, हैरत में ग्राहक, पुलिस को दी सूचना

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जालौर वेब डेस्क / बैंक के लॉकर में रखा सोना कभी पत्थरों में तब्दील हो सकता है | आप नहीं कहेंगे ? आपने किसी सुरक्षित लॉकर में अपना सोना रख दिया हो और वह कुछ साल बाद पत्थर बन जाए तो क्या यह भी बहुत ही आश्चर्य की बात नहीं होगी ? आमतौर पर बैंक के ग्राहक अपनी रकम के अलावा आभूषण भी उसके लॉकर में रखते है | इस उम्मीद में की घर के बजाये उनकी गाढ़ी कमाई बैंक के लॉकर में सुरक्षित रहेगी | लेकिन जब बैंक ही उन्हें धोखा देने लगे तो ग्राहक जाये किधर | फ़िलहाल तो वे पुलिस स्टेशन गए है | ताकि उस पहेली को सुलझा सके, जिसमे लॉकर में रखा सोना मार्बल पत्थर में बदल गया |

यहाँ मामला राजस्थान के जालौर जिले से सामने आया है, यहाँ एक व्यक्ति ने पांच साल पहले बैंक लॉकर में अपना सोना रखा था | उसके लॉकर की एक चाँबी खुद उसके पास थी और दूसरी बैंक में | इस ग्राहक ने जरूरत पड़ने पर जब अपना लॉकर खुलवाया तो उसमें से गहनों के बजाये पत्थर निकले | पीड़ित ग्राहक ने फ़ौरन इसकी सूचना बैंक मैनेजर को दी | बैंक मैनेजर ने निजी मामला बता कर अपने हाथ खड़े कर दिए | आखिरकार पीड़ित ने घटना की जानकारी पुलिस को दी |

राजस्थान के जालौर जिले के तिलक द्वार स्थित एसबीआई बैंक में इस हैरान कर देने वाले मामले के सामने आने के बाद कई लोग अब अपना लॉकर चेक कर रहे है | दरअसल जालौर शहर निवासी पारसमल जैन उस समय चकित रह गए जब इसी बैंक में सुरक्षित रखे उनके सोने के सारे आभूषण मार्बल पत्थर में बदल गए |

पारसमल जैन का महाराष्ट्र के भिवंडी में व्यापार है | वे लॉकडाउन के चलते 20 दिन पहले ही अपने गृह नगर जालौर लौटे हैं | उन्होंने कुछ सामान रखने के लिए बैंक में जाकर अपना लॉकर खुलवाया | लॉकर खुलवाते ही पारसमल जैन को ऐसा झटका लगा कि वो चकित हो गए | उस लॉकर में पत्थर भरे पड़े थे | बैंक ने उनकी एक ना सुनी, बल्कि उन्हें लॉकर में सामान रखने के कायदे कानून समझा कर अपना पल्ला झाड़ लिया | आखिरकार पारसमल ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट पेश कर मामला दर्ज करवाया है |

शिकायत के मुताबिक उन्होंने करीब 800 ग्राम सोने के आभूषण बैंक लॉकर में रखे थे | मामला दर्ज होने के बाद बैंक में भी हड़कंप मच गया है | दरअसल कई ग्राहक अब अपना लॉकर चेक करने आ रहे है | उन्हें अंदेशा है कि कही उनका भी माल पत्थर में ना बदल गया हो |

पारसमल के मुताबिक उन्होंने पहले बैंक मैनेजर राम दीन से संपर्क किया, लेकिन तुरंत कोई जवाब नहीं मिल पाया | उन्होंने बैंक के अन्य अधिकारियों से भी उसी समय संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन उन्होंने भी कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया | और अंत में उन्होंने कोतवाली थाने पहुंचकर पूरा घटनाक्रम बताया और मामला दर्ज कराया है | उन्होंने बताया कि पुलिस में जाने के बाद बैंक मैनेजर ने सफाई देना शुरू किया |

उसने बताया कि हमारे चेंबर से जब लॉकर ऑपरेट हुआ तो सही तरीके से उनका सिग्नेचर वगैरह मिलाया गया | उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रक्रिया के बाद बैंक का अधिकारी लॉकर खोलने के लिए साथ गया था और लॉकर भी एकदम सही था | उपभोक्ता की ओर से लॉकर को ऑपरेट किया गया था |मैनेजर ने बताया कि जब वे चेंबर में बैठे थे, तभी उन्होंने पत्थर मिलने की बात कही |
उन्होंने कहा कि लॉकर की चाभी उपभोक्ता के पास ही होती है, उपभोक्ता के अलावा कोई और लॉकर को नहीं खोल सकता है | बैंक के पास सिर्फ मास्टर चाभी होती है, सारे लॉकर को नीचे से ही लॉक किया जाता है |

उधर कोतवाली पुलिस थाना अधिकारी बाग सिंह ने बताया कि शिकायत के मुताबिक पारसमल ने लॉकर में पांच साल पहले सोने के आभूषण लॉकर में रखे थे | जिसमें से अब पत्थर मिले हैं | पुलिस ने दी गई रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है |