Magh Purnima 2025: इस एक काम के बिना अधूरा है माघ पूर्णिमा का स्नान, दान और तर्पण के अलावा ये भी जरूरी

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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा का पर्व इस वर्ष 12 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रयागराज में संगम तट पर स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

साथ ही इस दिन पितरों के तर्पण का भी विशेष महत्व होता है, जिससे वे तृप्त होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन कुछ विशेष उपाय करना लाभदायक होता है। आइए जानते हैं कि माघ पूर्णिमा पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए किन तीन कार्यों को अवश्य करना चाहिए।

  1. स्नान के बाद तर्पण विधि
    यदि आप किसी नदी में माघ पूर्णिमा का स्नान कर रहे हैं, तो स्नान के अंतिम चरण में कमर तक पानी में खड़े होकर अपनी अंजलि में पवित्र जल लें और अपने पितरों का ध्यान करें। इसके बाद अंगूठे और तर्जनी अंगुली के बीच से जल अर्पित करें। यह विधि पितरों को जल अर्पित करने की पारंपरिक पद्धति मानी जाती है। जो लोग घर पर स्नान कर रहे हैं, वे स्नान के बाद कुश, जल और काले तिल के माध्यम से तर्पण करें। कुश के अग्रभाग से काले तिल मिश्रित जल पितरों को अर्पित करने से उनकी तृप्ति होती है और वे आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
  2. अन्न और वस्त्र का दान
    स्नान और तर्पण के बाद पितरों की प्रसन्नता के लिए अन्न और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से सफेद वस्त्रों का दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  3. पितरों के लिए दीप जलाएं
    माघ पूर्णिमा की संध्या को पितरों की स्मृति में सरसों के तेल का दीपक जलाने की परंपरा है। सूर्यास्त के बाद जब अंधकार बढ़ने लगे, तब घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक रखना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पितर पृथ्वी लोक से अपने धाम लौटते हैं और दीपक जलाने से उनके मार्ग में प्रकाश बना रहता है, जिससे वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

पितरों की कृपा पाने के लिए अन्य उपाय
माघ पूर्णिमा के दिन पितृ सूक्त का पाठ करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। यदि कोई पितृ दोष से पीड़ित है, तो इस दिन त्रिपिंडी श्राद्ध करने से लाभ मिलता है।

डिस्क्लेमर: ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए NEWS TODAY उत्तरदायी नहीं है।