News Today : बिहार में 142 नक्सलियों, माफियाओं और सरकारी मुलाजिमों की संपत्ति होगी जब्त, EOU ने ईडी को भेजा प्रस्ताव

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पटना : बिहार में अपराधियों, माफियाओं, नक्सलियों और सरकारी मुलाजिमों की अवैध संपत्ति जब्त करने को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने एक बड़ी पहल की है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने एक लंबी फेहरिस्त तैयार कर प्रवर्तन निदेशालय को भेज दी है. इस सूची में 142 अपराधियों के खिलाफ पीएमएलए यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई कर संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्त में आए कुछ सरकारी मुलाजिमों की भी संपत्ति इसमें शामिल है.

इन पर पहले राज्य की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई और विशेष निगरानी इकाई के स्तर पर शिकंजा कसा जा चुका है. इस सूची में सबसे ज्यादा 30 से अधिक बड़े शराब माफियाओं के नाम शामिल हैं. इसमें आधा दर्जन नाम दूसरे राज्यों से पकड़ कर लाए गए शराब माफियाओं के हैं. इन्हें दूसरे स्थानों से गिरफ्तार किया गया है. इस सूची के आधार पर इजी लिस्ट तैयार कर आरोपियों की करोड़ों की चल अचल संपत्ति जब्त की जायेगी. इन सभी पर इंफोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी.

सूची में इन लोगों का नाम शामिल
जिन कुख्यात शराब माफियाओं के नाम सूची में शामिल है उनमें अनिरुद्ध सिंह ,राज कुमार यादव, मोहम्मद एकरामुल, सुधीर कुमार मंडल,, जुगनू ओझा, योगेंद्र प्रसाद गुप्ता ,प्रदीप यादव, पंकज राय विक्रम यादव ,बसंत सिंह कन्हैया कुमार अमरनाथ शाह जितेंद्र राय, समेत कई नाम शामिल है. इसमें दूसरे राज्यों से पकड़े गए माफियाओं में चंदन कुमार ,विश्वजीत रविंद्र विदर जैसे नाम है. बिहार के 49 माफियाओं अपराधियों तस्करों और भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ केस दर्ज कर ईडी कार्रवाई कर चुकी है.

पीएमएलए के तहत की जाएगी कार्रवाई
मुख्य रूप से सृजन घोटाला में नामजद अभियुक्त जय श्री ठाकुर (भागलपुर के तत्कालीन एडीएम), मोहम्मद यूनुस (कैमूर के तत्कालीन अवर निरीक्षक) नक्सली प्रदुमन शर्मा, डकैत जयप्रकाश मंडल, उग्रवादी डॉ अरविंद कुमार, नक्सली रामायण राय उग्रवादी संदीप यादव और मुसाफिर सहनी, शराब तस्कर किशोर यादव, बिल्डर अनिल कुमार सिंह, शराब कारोबारी मोहित जैन समेत दूसरे नाम शामिल हैं. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान की मानें तो माफियाओं अपराधियों तस्करों समेत सभी तरह की सूची ईडी को भेज दी गई है ताकि इन पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जा सके.