लखनऊ: Lucknow News: लखनऊ में HDFC बैंक की महिला अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. महिला ऑफिस में बैठकर काम रही थीं, तभी अचानक कुर्सी से नीचे गिर गईं. कर्मचारी तुरंत अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक, वजीरगंज की रहने वाली सदफ फातिमा (45) पुत्री स्वर्गीय इसरत अली नकवी गोमतीनगर के विभूतिखंड शाखा में एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर तैनात थीं. मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे ऑफिस में काम कर रही थी. तभी अचानक अचेत होकर गिर गईं.
ऑफिस के कर्मचारियों ने बताया कि काम को लेकर काफी प्रेशर था. जिसके चलते तनाव में रहती थीं. आज काम के दौरान ही घटना हुई. हालांकि मामले में कोई ऑफिशियल बात करने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि सब मुंबई से मैनेज होता है. इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील सिंह का कहना है कि मौत की स्पष्ट वजह से पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगी. फिलहाल प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक की बात सामने आ रही है. रिश्तेदार ने बताया कि किसी चीज की दवा चल रही थी. परिजनों ने कोई शिकायती पत्र नहीं दिया है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस दुखदायी घटना में भी राजनीति का मौका ढूंढ लिया और इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है. ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं. इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है. ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं. किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है.’
घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए सपा मुखिया ने लिखा, ‘भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं. ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी. इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए.’