दिल्ली वेब डेस्क / पाकिस्तान से आये टिड्डी दलों ने अब विमानों के लिए भी परेशानी पैदा कर दी है। ये टिड्डी दल एयरपोर्ट पर भी धावा बोल रहे है | मामला इतना गंभीर हो चला है कि डीजीसीए ने पायलटों को उड़ान भरते समय और उतरते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। देश में पहली बार डीजीसीए को टिड्डियों से सतर्कता बरतने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी करनी पड़ी है |
इसमें टिड्डी दलों की जानकारी मिलने पर उनके समूह के बीच से उड़ान नहीं भरने का आदेश दिया गया है। ऐसा करने वाले पायलटों की लॉग बुक में इसे गलती के तौर पर दर्ज किए जाने और विमान की जांच इंजीनियरों से कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
डीजीसीए ने कहा कि अकेली टिड्डी बेहद छोटे आकार की होती है, लेकिन बड़ी संख्या में वे विंडशील्ड से टकराकर पायलट के आगे देखने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। यह स्थिति विमान के उतरने, उड़ने और पार्किंग-बे में जाने के दौरान गंभीर चिंता का मुद्दा है। डीजीसीए ने पायलटों को विंडशील्ड से टिड्डियों के टकराने पर बनी गंदगी को वाइपर से नहीं हटाने की सलाह दी है। डीजीसीए का कहना है कि इससे गंदगी ज्यादा बड़ी जगह में फैलकर विजन को खत्म कर सकती है। इससे हादसे का अंदेशा है |
डीजीसीए ने एयरपोर्ट पर टिड्डी दलों की मौजूदगी की स्थिति में एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों को इसकी सूचना सभी आने और जाने वाले विमानों के साथ साझा करने का निर्देश दिया है। पायलटों को भी विमान उड़ाते समय टिड्डी दल दिखाई देते ही अलर्ट जारी करने को कहा गया है। बताया जाता है कि डीजीसीए के निर्देश के बाद एटीसी अलर्ट पर है |
डीजीसीए का कहना है कि टिड्डी दलों से रात की उड़ानों में विमान को खतरा पहुंचने की संभावना बेहद कम होती है, क्योंकि रात को वे अधिकतर निष्क्रिय हो जाते हैं। लेकिन डीजीसीए ने इस दौरान एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़े विमानों को टिड्डी दलों से खतरा होने की बात कही है। इसी कारण ग्राउंड हैंडलिग एजेंसियों को विमान के सभी एयर इनलेट और प्रॉब्स को कवर करके रखने को कहा गया है।
देश में टिड्डी दलों ने इस वक़्त पिछले 26 सालों में पहली बार यह जबरदस्त हमला बोला है। लगभग आधा दर्जन राज्यों में इस दल ने फसलों को नुकसान पहुँचाया है | खेल खलियानों और मार्ग की हरियाली को हजम कर ये टिड्डी दल नए राज्यों की ओर रुख कर रहे है | ये कीट राजस्थान के रास्ते घुसने के बाद पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक फैल चुके हैं।