
रायपुर : – छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ के शराब घोटाले में ED की चार्जशीट से बड़ा खुलासा हुआ है। एजेंसी ने मय सबूत दस्तावेजी प्रमाणों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को मिलने वाली करोडो की नगदी का हवाला अदालत के समक्ष रखा है। ED की इस चार्जशीट में कई चौकाने वाले रहस्यों पर से भी पर्दा हट गया है। यह तथ्य भी सामने आया है कि चैतन्य बघेल को मालामाल करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया और कारोबारी अनवर ढेबर पूरी निष्ठा के साथ जुटे हुए थे। इसके लिए सुनियोजित रूप से कायदे – कानूनों को दरकिनार कर हर माह करोडो की रकम इधर से उधर की जा रही थी। जाँच एजेंसी ने कई ऐसे दस्तावेजी प्रमाणों के साथ मोबाईल चैट को भी बतौर सबूत चार्जशीट में शामिल किया है। सूत्रों के मुताबिक ED की चार्जशीट शराब घोटाले की सीबीआई जाँच की जरूरतों पर भी बल दे रही है। शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री के हिस्से की रकम उनके पुत्र चैतन्य बघेल की तिजोरी तक पहुंच रही थी।

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भू – पे बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस के भीतर हलचल तेज है। आरोपी चैतन्य बघेल पिछले दो माह से जेल की हवा खा रहे है। ईडी की गिरफ्त में आने के बाद अब उनकी गिरफ़्तारी को लेकर ACB – EOW भी सक्रीय हो गई है। उसने जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र से पूछताछ की इच्छा जताते हुए अदालत से एक हप्ते की पुलिस रिमांड मांगी है। हालांकि उसका आवेदन बहस के लिए मुकर्रर कर दिए जाने की जानकारी भी सामने आई है। चैतन्य बघेल की पहले सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद हाईकोर्ट से भी जमानत खारिज हो चुकी है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री भू – पे बघेल के कदम तेजी से सत्ताधारी बीजेपी के विभिन्न दबाव समूहों की ओर तेजी से बढ़ रहे है। पुत्र के बचाव में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री ने अब बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ तल्खी छोड़, दुम हिलाना शुरू कर दिया है। क़ानूनी दांवपेचों और राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त करने की कवायत में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को अब राज्य की बीजेपी सरकार से काफी उम्मीदें भी बंध गई है।

यह भी बताया जा रहा है कि घोटालों की जद में आये चैतन्य बघेल की जमानत – अग्रिम जमानत सुरक्षित रूप से प्राप्त करने के लिए नौकरशाही को भी यू – टर्न मारने की हरी झंडी दे दी गई है। हालांकि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर सरगर्म है कि आरोपी पुत्र चैतन्य उर्फ़ बिट्टू की रिहाई को लेकर प्रभावशील राजनेताओं की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को कोई उच्च स्तर का आश्वासन प्राप्त हो गया है, इसे पॉलिटिकल ब्लेसिंग के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के कई सोशल – मीडिया ग्रुप में ”दारू – चखना चोर, कांग्रेस छोड़” कैंपेन जोर पकड़ने लगी है।

खासतौर पर पार्टी के NSUI और यूथ विंग में इस कैंपेन ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्हें कांग्रेस से खदेड़े जाने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी -खासी बहस भी छिड़ गई है। कांग्रेस के कई नेता पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पार्टी से निष्कासन की मांग कर रहे है। उनकी दलील है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाप – बेटे ही नहीं बल्कि उनके गिरोह ने प्रदेश में कांग्रेस की जड़े कमजोर कर दी। जबकि कांग्रेस राज के पूरे 5 बरस उपकृत कार्यकर्त्ता और कारोबारी पूर्व मुख्यमंत्री की जय – जय कार में जुटे है। उनका दावा है कि विपक्ष में बैठने के बाद पार्टी के खर्चो और बंदोबस्त को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी टोली के अलावा कोई भी सक्षम पदाधिकारी अब तक सामने नहीं आया है। सोशल मीडिया ग्रुप में पूर्व मुख्यमंत्री और उनके गिरोह का काला – चिट्ठा भी स्क्रीन पर तैर रहा है।

सूत्र तस्दीक करते है कि दारु चखना चोर, कांग्रेस छोड़, का संदेशा वाला कैम्पेन मेसेज आने पर पार्टी में भू -पे के कई हिमायती नेताओं ने फ़ौरन मेसेज डिलीट करने के निर्देश विभिन्न व्हाट्सप ग्रुप में भेजे है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ को मिली एक जानकारी के मुताबिक कांग्रेस राज में पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अंजाम दिए गए घोटालों से प्रदेश के पीड़ित नौजवान ही नहीं बल्कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्त्ता भी नाराज है। NSUI और यूथ कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्यकर्ताओं का ग़ुस्सा लगातार बढ़ते जा रहा है। हाल ही में पार्टी की एक बैठक में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के बयानों को लेकर भड़का विवाद भी इसी कैंपेन का हिस्सा बताया जाता है।

उधर चैतन्य बघेल के खिलाफ ED की चार्जशीट के पेश करने के साथ ही उसकी जुडिशल रिमांड अब खत्म हो गई है। जबकि आरोपी से पूछताछ को लेकर ईडी के बाद अब ACB – EOW भी सक्रिय हो गया है। जाँच एजेंसी ED ने इसी साल 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को भिलाई स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के आवास से गिरफ्तार किया था। सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले में अब राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्ल्यू) भी चैतन्य को गिरफ्तार करने की कवायत में जुटी है। उसने विशेष कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट दाखिल कर चैतन्य उर्फ़ बिट्टू से पूछताछ के लिए रिमांड मांगी है। इसे लेकर भी बचाव पक्ष और EOW आमने – सामने है। बचाव पक्ष ने इस रिमांड का विरोध किया है। उसकी दलील है कि ईडी की रिमांड के दौरान पूछताछ न कर ईओडब्ल्यू जबरिया अभियुक्त को गिरफ्तार करना चाहती है।

सूत्र तस्दीक करते है कि दोनों पक्षों की दलीले अदालत के समक्ष है, अदालती रुख का इंतजार किया जा रहा है। जबकि उच्च राजनीतिक आश्वासनो के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के फरमानों पर उनके विधिक सलाहकारों ने चैतन्य की जमानत याचिका दायर करने की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। फ़िलहाल, इस पूरे एपिसोड में राज्य की बीजेपी सरकार की मंशा पर आम जनता की निगाहें टिकी हुई है। दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति का पालन करने का दावा किया है। यह देखना गौरतलब होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र सस्ते में छूटेंगे या फिर राज्य की बीजेपी सरकार आम जनता की सरकारी तिजोरी पर हाथ साफ़ करने वालो को उनके असल ठिकाने भेजेगी।