
रायपुर :- कानून के जानकारों अर्थात वकीलों का खून किसी शख्स को चढ़ाया जाए ? उस मरीज का हाल – चाल कैसा होगा ? वकीलों का लाल सुर्ख रक्त कितना कारगर साबित होगा ? इसे लेकर रायपुर जिला अदालत परिसर में आज दिन भर माथापच्ची जारी रही | अदालत परिसर में वकीलों के टेबल से लेकर चाय – नाश्ते के ठेलों में वकीलों के रक्तदान का मुद्दा छाया रहा | चाय की चुस्कियों के साथ ब्लड डोनेशन शिविर की चर्चा लोगों की जुबान पर खूब रही | दरअसल अधिवक्ता संघ ने सराहनीय पहल करते हुए मानव सेवा दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया था | इसमें लोगों को रक्तदान हेतु प्रेरित किया गया |

रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले आयोजित इस शिविर में कई वकीलों ने शिरकत कर रक्तदान करने में देरी नहीं की | इसके साथ ही वकीलों के खून की चर्चाएं शुरू हो गई | कई वरिष्ठ वकीलों ने रक्तदान कर लोगों को इसका महत्त्व भी समझाया | कोर्ट परिसर में बिलासा ब्लड बैंक के दो लाल रंग के वाहन विशेष रूप से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे | इन वाहनों के भीतर लेबोरेटरी और पैरा मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध कराई गई है |

अदालत परिसर में आयोजित रक्तदान शिविर में एक ओर रक्तदान और सेवा का अनूठा महिमा मंडन चल रहा था, तो दूसरी ओर वकीलों का खून चढाने के अंदेशे से कई लोग हैरान – परेशान नजर आये | उनकी चिंता उन मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर नजर आ रही थी, जिन्हे यहाँ से एकत्रित खून की बॉटल चढ़ाई जाएगी ? आम मरीजों की जान बचाने और जरुरत मंदो को रक्त मुहैया कराने की दिशा में अधिवक्ताओं के रचनात्मक कदमों पर शुरू हुआ विचार विमर्श का दौर मरीजों के भविष्य और स्वास्थ पर जा टिका | चर्चाओं के इस दौर में वकीलों के खून के महत्त्व पर कानून के जानकारों ने प्रकाश भी डाला |

वकीलों के खून की गर्मी और अन्याय का सामना करने वाले पक्षकारों के रुख को लेकर चर्चाएं भी सरगरम देखी गई | कई लोगों ने दो टूक शब्दों में मरीजों को वकीलों का खून चढ़ाये जाने को लेकर हैरानी जताई | उन्होंने इसके साइड इफेक्ट का दावा भी किया ? बताया गया कि न्यायपूर्ण मंसूबों और विद्वता से लबरेज वकीलों का खून इतना असरकारक है कि यह जरूरतमंदों को अनावश्यक तकलीफों से बचाता है, कोर्ट – कचहरी से निज़ात मिलती है | इसकी प्रकृति सात्विक और क्रियाशील होती है | इस रक्त के एक बॉटल सेवन मात्र से कई मुसीबतों से छुटकारा मिलता है | उनका यह भी दावा है कि वकीलों का यह बेशकीमती खून गिनी – चुनी अदालत परिसरो में ही उपलब्ध होता है |

रायपुर अदालत परिसर में वकीलों का रक्तदान देखकर कई आरोपी और पक्ष्कार हैरत में पड़ गए | उन्होंने इससे पहले वकीलों को खून देते कभी नहीं देखा था | इस खून को आखिर किसे चढ़ाया जायेगा ? इसे लेकर चर्चाओं का दौर दिन – भर जारी रहा | अदालत परिसर के जिस गलियारे में खून निकालने वाले लाल वाहन पार्क किये गए थे, उस ओर आने – जाने से भी कई लोग कतराते नजर आये | अदालत परिसर का यह हिस्सा आमतौर पर आरोपियों और अभियोजन के पक्षकारों से हरा – भरा दिखाई देता है | लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रक्तदान शिविर के दौरान कई लोग इस मार्ग से दूरियां बनाते नजर आये |

कई लोगो ने तो उन मरीजों का हाल – चाल जानने में भी उत्सुकता दिखाई,जिन्हे वकीलों का खून चढ़ाया जाना सुनिश्चित किया गया है | रक्तदान सिविर में हिस्सा लेने पहुंचे अधिवक्ता विवेक तानवानी ने रक्तदान की तारीफ करते हुए हमारे संवाददाता को बताया कि रायपुर अधिवक्ता संघ के तत्वधान में आयोजित यह शिविर समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कदम है | उन्होंने कहा कि मानवता के तकाज़े पर अधिवक्ताओं का रचनात्मक योगदान हमारी परंपरा रही है, इसकी मिसाल रक्तदान शिविर में देखने को मिल रही है | उन्होंने बताया कि रक्तदान के प्रति अधिवक्ताओं ने गहरी रूचि दिखाई है | वकीलों का खून अब क्या रंग दिखायेगा यह तो वक्त ही बताएगा ? लाभान्वित होने वाले मरीजों के स्वास्थ के परिक्षण के बाद ही इसकी इसकी बानगी सामने आएगी | फ़िलहाल, अधिवक्ताओं का समाज सेवा का संकल्प सुर्ख़ियों में है |