
जम्मू-कश्मीर में आतंकी लिंक पर सख्त कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर सरकार का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। हाल ही में प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में लश्कर लिंक उजागर होने के बाद दो सरकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया।
उपराज्यपाल ने मंजूरी दी कार्रवाई
यह कार्रवाई उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मंजूरी के बाद हुई। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में दोनों कर्मचारियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले, जिसके आधार पर यह बड़ा कदम उठाया गया।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ाव के सबूत
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कर्मचारी लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े थे। वे अपने पद का दुरुपयोग कर आतंकी नेटवर्क को सहयोग पहुंचा रहे थे।
अनुच्छेद 311(2)(C) के तहत बर्खास्तगी
प्रशासन ने संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(C) के तहत यह बर्खास्तगी की है। इस प्रावधान के तहत राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों को बिना नियमित जांच प्रक्रिया के भी हटाया जा सकता है।
सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा कदम
खुफिया एजेंसियों ने जांच के दौरान कई आपत्तिजनक सबूत जुटाए, जिससे साफ हुआ कि ये कर्मचारी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ऐसे कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुका है।
सख्त संदेश आतंकियों को
यह कदम साफ संदेश देता है कि सरकारी सिस्टम में छिपे राष्ट्रविरोधी तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जम्मू-कश्मीर में लश्कर लिंक का पर्दाफाश न सिर्फ आतंकियों के नेटवर्क को कमजोर करेगा, बल्कि प्रशासन की सख्त नीति का भी प्रमाण है।