रिपोर्टर- केशव बघेल
जांजगीर-चांपा / जिले के अकलतरा क्षेत्र में स्थित केएसके महानदी पावर कंपनी लिमिटेड एक बार फिर पूरी तरीके से प्रबंधन द्वारा लॉकआउट (बंद) कर दिया गया है जिसके चलते प्लांट में कार्य कर रहे हैं तीन हजार मजदूर की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है प्लांट प्रबंधन ने कंपनी के गेट में लॉकआउट का चस्पा कर देर रात प्लांट का प्रोडक्शन बंद कर दिया है कंपनी ने लॉकआउट के लिए मजदूरों को जिम्मेदार ठहराया है जबकि मजदूरों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन ने षड्यंत्र के तहत प्लांट को बंद किया है प्लांट में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ है

कुछ वर्षों से अक्सर विवाद में रहती है कंपनी

आपको बता दें की केएसके महानदी पावर कंपनी पिछले कुछ वर्षों से अक्सर विवादों में रही है प्लांट प्रबंधन ने पूर्व में भी कंपनी को लॉक आउट कर दिया था ओर इसके लिए मजदूरों को जिम्मेदार ठहराया था और सैकड़ों मजदूरों को कंपनी से षड्यंत्र के तहत बाहर कर दिया गया था।
एनसीएलटी ने कंट्रोल में लेकर उभारा

आपको बता दें कि केएसके महानदी पावर कंपनी पिछले कई वर्षों से नुकसान में चल रही थी और घाटे में चली गई थी जिसके बाद कंपनी को (NCLT )राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण ने अपने कंट्रोल में ले लिया था और धीरे-धीरे कंपनी को रिवाइव करते हुए फिर से एक अच्छी स्थिति में ला दिया है और अब केएसके महानदी कंपनी को कई कंपनीया खरीदने के लिए तैयार हो खड़ी है और इसे बेचने की तैयारियां चल रही है मगर प्लांट प्रबंधन और क्षेत्र के कुछ बड़े नेता जो दिमक की तरह प्लांट को वर्षों से खोखला करते आ रहे हैं वह नहीं चाहते कि कंपनी किसी दूसरे हाथों में जाए क्योंकि अगर ऐसा होता है तो इनलोगो को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
प्लांट में चल रहा बड़ा षड्यंत्र-मजदूर संघ

मजदूर संघ के बलराम गोस्वामी ने बताया कि प्लांट प्रबंधन ने षड्यंत्र के तहत बिना किसी को सूचना दिए देर रात प्लांट में लॉकआउट कर दिया है और जबरन इसके लिए मजदूरों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि मजदूर शांति से अपना कार्य कर रहे हैं मजदूर संघ ने बताया कि इसके पीछे प्लांट प्रबंधन के मैनेजर और क्षेत्र के एक नामी जनप्रतिनिधि का षड्यंत्र है जो वर्षों से प्लांट में अपनी गंदी राजनीति का इस्तेमाल कर प्लांट को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके हैं और दीमक की तरह प्लांट को अंदर ही अंदर खोखला कर रहे हैं क्योंकि अब कुछ ही दिनों में प्लांट को बेचने की तैयारी चल रही है जिसके बाद इनकी प्लांट के अंदर चल रही है अरे दुकानदारी बंद हो जाएगी इसी डर से बिक्री को प्रभावित करने के लिए प्लांट प्रबंधन और क्षेत्र के नेता के द्वारा सोची समझी साजिश के तहत प्लांट में लॉकडाउन किया गया है और इसका पूरा ठीकरा मजदूरों पर फोड़ा जा रहा है जबकि प्लांट में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ है अगर ऐसा होता तो शासन प्रशासन पुलिस विभाग की छावनी प्लांट में नजर आती।