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सत्ता से संघर्ष कोमल का उत्कर्ष ,जिसकी सरकार उसकी जीत, टूट रहा है मिथक संदर्भ खैरागढ़ उपचुनाव

हेमंत वर्मा। खैरागढ़ उपचुनाव की प्रचार प्रसार अंतिम चरण पर है कहते हैं ,इतिहास अपने आपको फिर फिर दोहराता है कुछ वैसा ही नजारा विधानसभा खैरागढ़ उपचुनाव 2022 में दिख रहा है ,2007 में हुए उपचुनाव से राजनीति में प्रभावी तरीके से एंट्री मारने वाले कोमल जंघेल ने स्वर्गीय देवव्रत सिंह की पत्नी पद्मावती को 25000 वोटों से पट खनी दिया था उस समय यह नारा महल से हल टकराएगा कोमल जंघेल विधानसभा जाएगा काफी चर्चा में आया था वह भी वैसा ही है.

वर्तमान परिस्थिति में पद्मावती की जगह ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यशोदा वर्मा चुनावी मैदान में है लेकिन माहौल वैसा ही है। एक तरफ पूरा कैबिनेट वहीं दूसरी ओर कोमल जंघेल का संघर्ष सत्ता से संघर्ष कोमल का उत्कर्ष नारा बलवती हो गया है पूरा माहौल कोमल जंघेल के पक्ष में जाता हुआ दिखाई दे रहा है सत्ता विरोधी लहर अंडर करंट वर्तमान में प्रदेश में 40 से अधिक संगठन सरकार के प्रति लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

वहीं जिला निर्माण आंशिक असर डालता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि इससे पहले मानपुर मोहला जिले की घोषणा हो चुकी है परंतु वहां पर जिला निर्माण में एक न्यू की ईट भी नहीं रखी गई है इसी तरह कोमल जंघेल के प्रति अंडर करंट चल रहा है कि उसे इस बार जरूर मौका मिलना चाहिए गौरतलब है कि पिछला चुनाव वह महज 750 यानी एक पोलिंग बूथ से ही हारे थे।

वही साले वारा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में ऐतिहासिक भीड़ इस बात को इंगित करता है कि वनांचल में बीजेपी काफी मजबूत है जिस तरह शिवराज सिंह चौहान ने साले वारा एवं गंडई में ऐतिहासिक भीड़ के बीच प्रदेश सरकार पर 1200000 लाख पीएम आवास रोके जाने की बात को गरीबों पर कुठाराघात बताया लोगों को दिलो-दिमाग में असर कर गया यह बात स्पष्ट हो गई कि छत्तीसगढ़ केंद्र के खिलाफ माहौल बनाने के चक्कर में बैकफुट पर आ गई है।

सरकारी कर्मचारी एजेंट की तरह काम कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने खैरागढ़ के डीएफओ दिलराज प्रभाकर पर कांग्रेस के एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाया प्राप्त जानकारी के अनुसार वन मंडल समिति के सदस्यों को प्रभाकर दबाव डालकर कांग्रेस को समर्थन देने की बात कर रहे हैं उल्लेखनीय है कि वन चकरी निधि समिति के अंतर्गत करोड़ों रुपया इन समिति को बांटा गया है जिस पर कार्यवाही की बात कह कर लोगों को डराया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि 2 माह पश्चात दिलराज प्रभाकर का प्रमोशन होने वाला है यही कारण है कि कुछ मंत्रियों के इशारे पर कांग्रेश के चरण वंदना कर रहे हैं वही बृजमोहन अग्रवाल ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से कर दिया है।

भाजपा-कांग्रेस के विभीषण कांग्रेस में जहां दावेदारों की लाइन थी वही नाराजगी भी स्पष्ट रूप से देखी जा रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा में गिने चुने लोग टिकट के दावेदार थे जिन पर रमन सिंह के हस्तक्षेप के बाद सभी ने एक सुर में पार्टी के प्रति काम करने की इच्छा जताई वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल के बारे में कहा जाता है कि वह जहां कहीं भी चुनाव संचालन अपने तरीके से करता है भाजपा वह अवश्य जीती है।

सरपंचों को जांच के नाम पर दबाव बनाने का आरोप कुछ सरपंचों ने इस संवाददाता से चर्चा करते हुए बताया कि कुछ नेता हमें कांग्रेस के पक्ष में काम करने नहीं करने पर पंचायती राज अधिनियम के तहत कारवाही करने का भी दबाव डाल रहे हैं 212000 मतदाता वाले जिले के सबसे बड़ी विधानसभा क्षेत्र खैरागढ़ में 70 से 80 हजार लोधी मतदाता बताए जा रहे हैं कोमल जंघेल लोधी समाज का बड़ा चेहरा है सीधी सी बात है सामाजिक झुकाव जंघेल को मिलता हुआ दिख रहा है।

जिसकी सरकार उसकी जीत मिथक टूटते हुए दिख रहा है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब तक चार उपचुनाव हुए हैं जिसमें कोटा को छोड़ जिसकी सत्ता उन्हीं की चाबी हुई है लेकिन इस बार यह मिथक टूटे नजर आ रहा है गौरतलब है कि कोमल जंघेल को 870 की खाई पटना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के सीएम का हर 2 दिन में खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में दौरा निश्चित रूप से कोमल जंघेल के प्रभाव को स्पष्ट दिखा रहा है जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों की सभाओं में भीड़ उमड़ रही है उस हिसाब से खैरागढ़ विधानसभा में भगवा लहराए जाने की पूरी पूरी संभावना नजर आ रही है हेमंत वर्मा की कलम से

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