
केरल। ISIS भर्ती केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। NIA की विशेष अदालत ने सोमवार को केरल और तमिलनाडु में युवाओं को आतंकी संगठन आईएस से जोड़ने की साजिश में शामिल आठ आरोपियों को आठ-आठ साल की कठोर सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि यह सिर्फ भर्ती का मामला नहीं था, बल्कि युवाओं को आतंकवाद की राह पर धकेलने की सुनियोजित कोशिश थी।
सोशल मीडिया बना हथियार
NIA की जांच में सामने आया कि दोषियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके आईएस की कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार किया। उन्होंने ऑनलाइन समूह बनाए और युवाओं को जिहादी सोच से प्रभावित करने की कोशिश की। सिर्फ विचारधारा फैलाना ही नहीं, बल्कि उन्हें आगे चलकर संगठन से जोड़ने और प्रशिक्षण देने की भी योजना बनाई गई थी।
प्रमुख आरोपी और धाराएं
दोषियों में तमिलनाडु के मोहम्मद अज़हरुद्दीन और शेख हिदायतुल्लाह भी शामिल हैं। अदालत ने UAPA की धारा 38 और 39 के तहत आतंकवादी संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देने और सहयोग देने का अपराध सिद्ध किया। साथ ही IPC की धारा 120B के तहत आपराधिक साजिश का आरोप भी साबित हुआ।
विस्फोट केस से कनेक्शन
NIA ने बताया कि अज़हरुद्दीन और हिदायतुल्लाह का नाम तमिलनाडु में हुए एक विस्फोट मामले में भी सामने आया है। एजेंसी ने दोनों मामलों के बीच सीधे संबंध होने का दावा किया है।
अदालत का संदेश
NIA अधिकारियों ने कहा कि यह सजा उन सभी के लिए सख्त संदेश है, जो देश की शांति भंग करने और आतंकी संगठनों का साथ देने की कोशिश करते हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि भारत की सुरक्षा के खिलाफ काम करने वालों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।