केदारनाथ यात्रा का आगाज पारंपरिक तरीके से, नौ किमी बर्फीले रास्तों के बीच से गुजरेगी बाबा केदार की डोली, हिमालय में सूर्य की किरणे भी स्वागत में बिछी, तस्वीरों में देखिए खूबसूरत नजारा…

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रुद्रप्रयाग वेब डेस्क /  बाबा केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल को अपने तय समय पर खुल रहे हैं। लेकिन उसके पूर्व निकलने वाली बाबा केदार की डोली 28 अप्रैल को अपने धाम के लिए रवाना होगी | यह डोली गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर नौ किलोमीटर कई फीट बर्फ के बीच बनाए गए तीन मीटर चौड़े रास्ते से होकर केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 

केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग छानी कैंप से रुद्रा प्वाइंट तक करीब 700 मीटर बर्फ से घिरा हुआ है | इस मार्ग को साफ़ करने और वहां जमी बर्फ को हटाने का काम जारी है | कर्मियों के मुताबिक यह मार्ग एक सप्ताह के भीतर साफ कर दिया जाएगा। 25 अप्रैल से पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से धाम तक भक्तों और स्थानीय लोगों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को सुबह 6.10 मिनट पर खोले जाएंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है | 

इसके लिए इन दिनों बड़ी तादात में स्थानीय मजदूर पैदल रास्ते से बर्फ हटाने में जुटे हैं। भगवान भोलेनाथ का जयकारा लगा कर सुबह से ही वे अपने काम में जुट जाते है | यहाँ का नज़ारा इतना खूबसूरत है कि लोगों को स्वर्ग का अहसास होता है | प्रशासन के मुताबिक अगले एक सप्ताह में छानी कैंप से रुद्रा प्वाइंट के बीच रास्ता तैयार हो जायेगा | इसके बाद गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए आवाजाही पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।

बताया जा रहा है कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक अब भी पांच से सात फीट तक बर्फ जमी है। यहां पैदल मार्ग पर बर्फ को काटकर तीन मीटर चौड़ा रास्ता बनाया गया है। रामबाड़ा से छानी कैंप के बीच सात हिमखंड जोनों पर 25 से 40 फीट तक बर्फ जमी है। यही नहीं चार धाम यात्रा और बाबा केदारनाथ दर्शन में हेलीकाप्टर सेवा देने वाली कंपनियों को हैलीपेड मुहैया करा दिए गए है | 

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बीते वर्ष भी बाबा केदार के भक्तों को कपाट खुलने के एक माह बाद तक करीब साढ़े चार किमी बर्फ के बीच बने रास्ते से गुजरकर धाम पहुंचना पड़ा था। लेकिन बाबा के भक्तों ने हार नहीं मानी | पिछले वर्ष यात्रा का रिकॉर्ड बना था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खौफ से भक्तों की कमी के आसार है |