अब आसान होगी यात्रा: केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे को मंजूरी, 36 मिनट में तय होगा 9 घंटों का सफर…

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बाबा केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए केंद्र सरकार ने रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इनमें उत्तराखंड के सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी रोपवे परियोजनाएं शामिल हैं। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 6,811 करोड़ की लागत आएगी। दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समय सीमा चार से छह वर्ष निर्धारित की गई है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के निर्णयों की जानकारी कल सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।

इन दोनों रोपवे परियोजना से हेमकुंड साहिब और केदारनाथ मंदिर तक सभी मौसम में कनेक्टिविटी रहेगी और श्रद्धालुओं को दर्शन में सुविधा मिलेगी। जानकारी के मुताबिक, सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे की लागत 4,081.28 करोड़ रुपये आएगी। यह प्रोजेक्ट सबसे उन्नत प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने उत्तराखंड आने से पहले ही राज्य को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कहा कि इन दो रोपवे प्रोजेक्ट से केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं को बहुत आसानी होगी।

इस रोपवे प्रोजेक्ट के तहत प्रति घंटे दोनों ओर से 1,800 लोग यात्रा कर सकेंगे। रोपवे के जरिये रोजाना 18,000 लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकेंगे। रोपवे से कम समय में श्रद्धालु एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच जाएंगे। केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई से पूरी की जाती है। वहीं, दूसरी ओर गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी लंबी रोपवे कुल 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई की जाती है। यह दूरी पैदल, टट्टुओं या पालकियों से पूरी की जाती है। प्रस्तावित योजना हेमकुंड साहिब के तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है।

रोपवे बनने के बाद श्रद्धालु नौ घंटे की मुश्किल चढ़ाई के बजाय 36 मिनट में केदारनाथ धाम पहुंच जाएंगे। सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक 18 किमी खड़ी चढ़ाई वाला रास्ता है। इस दुरूह रास्ते से पैदल चलकर श्रद्धालु नौ घंटे में केदारनाथ पहुंचते हैं। रोपवे श्रद्धालुओं की राह आसान कर देगा। हेली सेवा का खर्च वहन न कर पाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ये रोपवे प्रोजेक्ट राहत लेकर आएगा। इससे आने वाले वर्षों में बाबा केदारनाथ धाम ओर हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी तय मानी जा रही है।