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लॉक डाउन में कश्मीर लेकिन आतंकी अपने मिशन पर, 13 दिन में 10 जवान शहीद और 18 दहशतगर्द ढेर, वीरान घाटी में सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले बढ़े, कई पर्यटन स्थलों पर मुठभेड़ 

श्रीनगर वेब डेस्क / लॉक डाउन के बीच कश्मीर में आतंकियों ने सेना और सुरक्षाबलों पर हमले तेज कर दिए है | कई पर्यटन स्थलों पर मुठभेड़ से गहमा गहमी है | लॉक डाउन को धत्ता बताते हुए आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी जारी रखी है | पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद बंद रहे कश्मीर में छह महीनों के दौरान सुरक्षाबलों को इतना नुकसान नहीं हुआ, जितना लॉकडाउन के 28 दिन में उठाना पड़ा है। 

25 मार्च से लगे लॉक डाउन को सख्ती से लागू करवाने में लगे सुरक्षाबलों पर आतंकी हमले बढ़ गए हैं। इस दौरान कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में करीब 18 वारदातें हुई हैं। पिछले तेरह दिनों में कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों में 10 जवान शहीद हुए। हालांकि इस अवधि में 18 आतंकी भी मारे गए हैं। दूसरी ओर अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद छह महीने में सुरक्षाबलों के पांच जवान शहीद हुए थे, जबकि 30 से 40 आतंकियों को मार गिराया गया था।

दरअसल, इस समय कश्मीर घाटी में तैनात सुरक्षाबल लॉक डाउन से भी जूझ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में इस समय सबसे अधिक कोरोना वायरस के मामले कश्मीर संभाग में ही हैं। आतंक के गढ़ कहे जाने वाले बांदीपोरा, शोपियां, अनंतनाग और बारामुला में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। यहां लोगों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सुरक्षाबल कोरोना से निपटने के प्रबंधों में भी लगे हुए हैं, जबकि आतंकी इसकी आड़ में सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं।

कश्मीर में सुरक्षाबल दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हैं। वो संक्रमितों को अस्पतालों में दाखिल करा रहे है | वही इसे प्रभावित करने के लिए आतंकी हमले कर रहे हैं। पाकिस्तान के लांचिग पैड और आतंकी कैंपों में भी कोरोना फैला हुआ है। बावजूद इसके  कश्मीर में घुसपैठ और अशांति फैलाने के लिए आतंकियों ने पूरी ताक़त झोक दी है | लेकिन सुरक्षाबल भी उनके हर हमले का मुँह तोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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