
कर्नाटक। कर्नाटक में राज्य परिवहन निगमों के कर्मचारियों की 38 महीने के बकाया वेतन और 1 जनवरी 2024 से वेतन वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। यह हड़ताल 5 अगस्त से जारी है, जो राज्य की परिवहन सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी और कर्मचारी संघों के बीच हुई वार्ता विफल रही। यूनियन नेताओं ने पूरे 38 महीने का बकाया भुगतान और वेतन वृद्धि की मांग की, जबकि सरकार ने केवल दो साल का बकाया भुगतान करने की पेशकश की और बाकी राशि छोड़ने का आग्रह किया। इस प्रस्ताव को यूनियनों ने ठुकरा दिया।
केएसआरटीसी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एचवी अनंत सुब्बाराव ने कहा कि वेतन वृद्धि पर सरकार की कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं है, इसलिए हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने पुष्टि की कि केएसआरटीसी और बीएमटीसी के कर्मचारी तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
सरकार ने हड़ताल के कारणों को समझते हुए निजी बस संचालकों से संपर्क किया है ताकि यातायात व्यवस्था बनी रहे। उबर, ओला, रैपिडो जैसी ऐप-आधारित कैब सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी, लेकिन बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हड़ताल वापस लेने की अपील की है। अदालत ने कर्मचारियों से वार्ता जारी रखने के लिए हड़ताल स्थगित करने को कहा।