kamal nath: कमलनाथ हो सकते है कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष ,सोनिया के बुलावे के बाद पहुंचे “गाँधी दरबार” 

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दिल्ली / छिंदवाड़ा : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए सोनिया गाँधी की निगाहे अब वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर टिक गई है | उन्हें दिल्ली दरबार में हाजिर होने का फरमान जारी होते ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया है | कमलनाथ पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात के लिए जब पहुंचे तो कई नेताओ ने उन्हें अगले अध्यक्ष के लिए बधाइयाँ दे दी | हालाँकि कमलनाथ ने अभी साफ़ किया है कि वे पार्टी अध्यक्ष की दौड़ में नहीं है | लेकिन सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ के बयानों का इंतजार किया जा रहा है | बताया जाता है कि अशोक गहलोत के गच्चा देने के बाद कमलनाथ पर दांव लगाने की कवायत जोरो पर है |

कांग्रेस के अंदरखानो से खबर आ रही है कि कमलनाथ का रास्ता साफ़ करने के लिए पार्टी ने शशि थरूर और दिग्विजय सिंह से भी किनारा कर लिया है | सूत्र तो यह भी बता रहे है कि पार्टी का एक धड़ा चुनावी प्रक्रिया रोक वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव तक सोनिया को ही अंतरिम अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए जोर दे रहा है |

इसमें केसी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल है |बताया जाता है कि पार्टी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत बागी विधायकों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही कर सकती है | नई रणनीति को लागू करने से पूर्व गहलोत को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की अटकले लगाई जा रही है | उधर राजस्थान का रण पार्टी पर भारी पड़ रहा है |

सूत्रों के मुताबिक पायलट की आज शाम या कल सोनिया गांधी से मुलाकात हो सकती है | उधर अम्बिका सोनी समेत कई नेता गहलोत के समर्थन में आ गए है | राजस्थान में सियासी हलचल पर कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कहा कि पार्टी में अनुशासन जरूरी है. यह अनुशानस सभी को बरकरार रखना चाहिए | लेकिन गहलोत के मुख्यमंत्री बने रहने को लेकर वे चुप्पी साधे रही | वही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार विधायकों द्वारा अलग से बैठक किए जाने को ‘अनुशासनहीनता’ करार दिये जाने के कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के बयान पर महेश जोशी ने आपत्ति की है |

अजय माकन पर  पलटवार करते हुए सरकार के मुख्‍य सचेतक डॉ महेश जोशी ने आज कहा कि ‘हम पार्टी के निष्ठावान लोग हैं और अगर हम वफादार नहीं होते तो राज्य की कांग्रेस सरकार कब की गिर गई होती | फिलहाल तो राजस्थान का रण राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है |