हैदराबाद : – दक्षिण के आंध्र प्रदेश में केटीआर के राजनीतिक वजूद को लेकर पार्टी के भीतर बिहार में लालू जैसा घमासान देखने को मिल रहा है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीआरएस से निलंबित की गई के कविता ने आज हैदराबाद में पार्टी और एमएलसी पद छोड़ने का एलान कर केटीआर को मुश्किल में डाल दिया है। कविता ने तमाम पदों से इस्तीफा देते ही कहा कि मेरा निलंबन पूरे बीआरएस को नियंत्रित करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने अपने चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर भी गंभीर आरोप लगाए। कविता ने दोनों पर हमला तेज करते हुए कहा कि चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच हो रही है।

उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद, मैंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और बीआरएस का झंडा पहनकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ पिछड़ा वर्ग आरक्षण और अन्य पहलों के लिए काम किया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये गतिविधियां पार्टी विरोधी गतिविधियां कैसे हैं। कुछ पार्टी सदस्यों ने टिप्पणियां कीं, और मैंने उनका जवाब दिया। मैंने हरीश राव और संतोष के बारे में बात की और कहा कि जब उनके घरों में सोना होता है तो सुनहरा तेलंगाना नहीं होता। मैंने पहले अपने भाई केटीआर से मेरे खिलाफ साजिश रचने वाले लोगों के बारे में बात की थी और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। मुझे खुशी है कि मेरे निलंबन के बाद बीआरएस की महिला विधायक एकजुट हुईं, जिसकी मैंने हमेशा कल्पना की थी। फ़िलहाल कविता की सक्रियता को बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है। जबकि एक वर्ग उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में देख रहा है।
