दिल्ली /रायपुर | सोमवार का दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए काफी कारगर साबित हुआ है ,सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी मुकेश गुप्ता की दायर याचिका में उनका नाम हटाने के निर्देश दिए है | इसके साथ ही पुलिस सिस्टम में आरोपी मुकेश गुप्ता के सहयोगियों की खोजबीन शुरू हो गई है | दरअसल आरोपी की याचिका और छत्तीसगढ़ सरकार की तमाम दलीलों और दस्तावेजों पर नजर दौड़ाने के बाद कानून के जानकारों ने इस बात का खुलासा किया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस में कोई ना कोई ऐसा अफसर है जो आरोपी मुकेश गुप्ता को गोपनीय दस्तावेज ना केवल उपलब्ध करा रहा है ,बल्कि जांच में जानबूझकर कोई ना कोई ऐसी त्रुटि और चूक करवा रहा है जो अदालत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार की गले की फ़ांस बन जाए | कहा जा रहा है कि अदालत से भले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फौरी राहत मिल गई हो ,लेकिन पुलिस प्रदत्त दस्तावेज उनकी सरकार के लिए जोखिम भरे हो सकते है |
सुप्रीम कोर्ट में आरोपी मुकेश गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार और आरोपी मुकेश गुप्ता की तमाम दलीलों को बेहद गंभीरता से लिया है | सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील को अदालती फटकार की खबर है | बताया जाता है कि सुनवाई के दौरान आरोपी मुकेश गुप्ता के वकील ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ दलीले पेश करना शुरू की | जैसे ही वकील के कुछ तथ्य जज साहब से सुने ,फ़ौरन उन्होंने वकील को फटकारते हुए कहा कि ऐसी दलीले ना पेश करे , अदालत कोई राजनीति की जगह नहीं है | इसके साथ ही अदालत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम प्रकरण से हटाने के निर्देश दिए | गौरतलब है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुर्बाग्रह से ग्रसित होकर उनके खिलाफ फर्जी प्रकरण दर्ज करावा रहे है |
यही नहीं आरोपी की ओर से पेश फोन टेपिंग के मामले को भी अदालत ने गंभीरता से लिया है | आरोपी के वकील की ओर से पेश दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस देश में क्या हो रहा है ? कोई गोपनीयता बची है कि नहीं | जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि इस फ़ोन टेपिंग का आदेश किसने दिया | ऐसा लगता है कि किसी के लिए कोई गोपनीयता नहीं बची.. हर दिन कुछ न कुछ हो रहा है | इसके उपरांत अदालत ने याचिकाकर्ता के फोन टेपिंग को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार से हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा |
आरोपी मुकेश गुप्ता की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संलंग्न तथ्यों और दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि पुलिस सिस्टम में अभी भी ऐसा कोई महत्वपूर्ण शख्स मौजूद है जो उसे सरकार से जुडी पल पल की जानकारी भेज रहा है | खासतौर पर ऐसी जानकारी जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ सरकार की राष्ट्रीय स्तर पर छवि ख़राब करने और सरकार अस्थिर करने के लिए काफी है | बताया जाता है कि रायपुर के अधिवक्ता रवि शर्मा के खिलाफ दर्ज प्रकरण को अदालत ने काफी गंभीरता से लिया है | यही नहीं आरोपी मुकेश गुप्ता के इंटर सेप्शन को लेकर भी पेश तथ्यों को अदालत ने गौर से देखा | इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि यह इंटर सेप्शन बिलासपुर हाईकोर्ट की स्टे जारी करने की तिथि के बाद किया गया था | बताया जाता है कि पुलिस ने आरोपी मुकेश गुप्ता की फोन टेपिंग रेगुलर अफेंस प्रक्रिया के तहत की थी | इस दौरान बरती गई भारी चूक छत्तीसगढ़ सरकार के लिए गले की फ़ांस साबित हो रही है | कानून के जानकारों को ऐसा लग रहा है कि पुलिस सिस्टम में जानबूझकर चूक की जा रही है ताकि आरोपी मुकेश गुप्ता को अदालत में ना केवल राहत मिल सके ,बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ स्ट्रक्चर पास हो जाए |


