रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी संसाधनों और मशीनरी पर कब्ज़ा करके रोजाना लगभग 2 करोड़ की ब्लैकमनी इकठ्ठा करने वाले दलाल सूर्यकान्त तिवारी ED की हिरासत में है। कई हप्तो तक गायब रहने के बाद आख़िरकर उसने शनिवार शाम रायपुर की जिला अदालत में सरेंडर कर दिया था । इस अदालत में करीब दो साल पहले तक सूर्यकान्त तिवारी के जीजा रामकुमार तिवारी बतौर डिस्ट्रिक्ट जज पदस्थ थे।
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वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के खिलाफ षड़यंत्र को बखूबी अंजाम देने के चलते वे अदालत में सुर्खियों में रहे। इसके बाद उनकी विधि सचिव के रूप में ताजपोशी हुई थी।कोर्ट में आज समय का पहिया थमता नजर आया।
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आत्म समपर्ण के लिए जब सूर्यकान्त इस अदालत परिसर में दाखिल हुआ, तो रामकुमार तिवारी के कार्यकाल की चर्चा लोगों की जुबान पर आ गई। कोर्ट परिसर में लोगो ने उसके कार्यकाल के फैसलों की जाँच कराने पर जोर दिया।
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रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में भेजे गए IAS समीर विश्नोई और सुनील अग्रवाल के साथ रामकुमार तिवारी के समधी और सूर्यकान्त के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी भी शामिल है। अब सूर्यकान्त तिवारी से इन सभी आरोपियों के साथ जाँच और आमना – सामना कराये जाने के आसार है।
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जानकारी के मुताबिक रायपुर की इसी जिला अदालत में रामकुमार तिवारी ने अपने कार्यकाल में सूर्यकान्त के खिलाफ लंबित तमाम प्रकरणों का एक तरफ़ा उसके पक्ष में निपटवाया था। अपने प्रभाव से पीड़ितों पर उसने दबाव बनाया और फैसला सूर्यकान्त के पक्ष में कराया था।
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पीड़ित, आज भी इन प्रकरणों को लेकर न्याय की गुहार लगा रहे है। यही नहीं रामकुमार तिवारी न्याय बेचने का धंधा यहाँ जोर-शोर से चला रहा था। उसने कोर्ट में पदस्थ डीपीओ हिना यास्मीन खान के जरिये कई वारदातों को अंजाम दिया।
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सूत्रों के मुताबिक हिना यास्मीन खान ग्राहकों के साथ सौदा पटाकर जज रामकुमार तिवारी के हिस्से की रकम उसके साले सूर्यकान्त तिवारी और समधी लक्ष्मीकांत तिवारी को सौंपा करती थी । वो वादियों और प्रतिवादियों से मिलकर रामकुमार तिवारी के पक्ष में सौदा करती थी। इसकी शिकायत हिना यास्मीन खान की मोबाईल ऑडिओ क्लिप बातचीत जैसे पुख्ता सबूतों के साथ पुलिस में भी की गई थी। लेकिन जीजा -सालो के प्रभाव के चलते रायपुर पुलिस ने जाँच में कोई रूचि नहीं दिखाई। इस जुगल -जोड़ी की शिकायते पीड़ितों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी की है।
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बताया जाता है कि अनुचित लेनदेन जैसी सवेंदनशील वारदातों को अंजाम देने के चलते हिना यास्मीन खान के लिए सुरक्षा गार्डो की नियुक्ति भी की गई है। प्रदेश की वो एक मात्र ऐसी DPO है ,जो ग्राहकों को अपने दफ्तर के बजाय रायपुर के एक मॉल में बुलाया करती थी। ताकि यहाँ से न्याय की खरीदी -बिक्री की जा सके।
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गौरतलब है कि ED की छापेमारी में रामकुमार तिवारी के इन दोनों करीबी सम्बन्धियों के ठिकानो से करोडो की नगदी ,सोने के आभूषण और मनी लॉन्ड्रिंग के दस्तावेज बरामद हुए है। रामकुमार तिवारी पर अपने साले को गैरकानूनी संरक्षण देने का भी आरोप है। विधि सचिव के रूप में उसने सूर्यकान्त तिवारी की अवैधानिक गतिविधियों पर रोक लगाने की कोई सलाह या निर्देश राज्य सरकार को नहीं दिए।
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प्रशासनिक सिस्टम पर कब्ज़ा कर सूर्यकान्त तिवारी रोजाना केंद्र और राज्य सरकार की तिजोरी में चूना लगाते रहा। उधर उनके जीजा रामकुमार तिवारी ”साले मोह ”में उसकी काली करतूतों पर पर्दा ढाकंते रहे। ED की छापेमारी के बाद भी रामकुमार तिवारी ने सूर्यकान्त पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर कोई निर्देश ग्रह विभाग और पुलिस को नहीं दिए। साफ़ है कि सरकारी तिजोरी में लूटपाट और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामले में साले -जीजा का रिश्ता कर्तव्यों पर भारी पड़ा।