Friday, September 20, 2024
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छत्तीसगढ़ में 36 हजार करोड़ के नान घोटाले का मुख्य आरोपी बना “जज”, अनिल टुटेजा ने अग्रिम जमानत की शर्तो को डाला रद्दी की टोकरी में, राजनीति के मैदान में उतर कर फेंका परचा, न्यायालय की अवहेलना कर पूर्व मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,देंखें टुटेजा का राजनैतिक पत्राचार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में नान घोटाले की निर्णायक सुनवाई अगले हफ्ते की शुरुआत में होनी है। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति जोरो पर है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह नान घोटाले को लेकर हमलावर रुख अपना रहे है।वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पीएम मोदी को पत्र लिखकर बीजेपी और रमन सिंह पर पलटवार कर रहे है। राज्य में 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की सुनवाई रायपुर की जिला अदालत,हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा विभिन्न शर्तो के तहत अदालत से अग्रिम जमानत पर रिहा है। 

अदालत ने राजनैतिक रूप से तिकड़म करने पर भी उस पर रोक लगा रखी है। लेकिन जमानत के दिशा निर्देशों को धत्ता बता कर टुटेजा ने खुद को जज साबित किया है। उसने नान घोटाले की न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में टुटेजा ने अदालती कार्यवाही में संलग्न दस्तावेजों का हवाला देते हुए खुद को निर्दोष बताया है। 

बताया जाता है कि निचली अदालत में नान घोटाले की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। हाल ही में ED ने रायपुर की अदालत में कई दस्तावेज भी इस मामले में दाखिल किए है। लेकिन अदालती फैसले के पूर्व खुद को पाक साफ साबित करने वाला टुटेजा का यह पत्र सुर्ख़ियों में है। 

Download कर पढ़ें अनिल टुटेजा का पत्र 👉:-

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को लिखा गया यह पत्र,अदालत को मुँह चिढ़ा रहा है। कानून के जानकार इसे न्यायालय की अवमानना के रुप में देख रहे है। उनका मानना है कि अदालत में मामले की कानूनी प्रक्रिया के विचाराधीन रहते हुए आरोपी इस पत्र के जरिए इसे केस का फैसला अपने पक्ष में दे रहा है। उनकी दलील है कि सत्ता और सरकार से प्रभावित होकर टुटेजा अब “जज” भी बन गया है। उसे अग्रिम जमानत की नोटशीट और न्यायालय की शर्तों पर गौर फरमाना चाहिए।

अनिल टुटेजा पर नान घोटाले के गंभीर आरोपों की जांच-पड़ताल केंद्रीय एजेंसियां कर रही है। रायपुर कोर्ट से उसके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट पर फिलहाल अदालती रोक है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बावजूद इसके,पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को टुटेजा का पत्र लिखना,किसी राजनैतिक तिकड़म का हिस्सा बताया जा रहा है।

सूत्र बताते है कि सरकार की गोद में बैठ कर अनिल टुटेजा ने कांग्रेस में अच्छी-खासी पैठ बना ली है। भविष्य में वे कांग्रेस की टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे है। उनका यह पत्र इसी राजनैतिक समीकरण का हिस्सा बताया जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि,अग्रिम जमानत पर रिहा कोई आरोपी क्या प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को इस तरह से पत्र लिख सकता है ?कोर्ट ने इसकी इजाजत दी है ?

बता दें कि,अनिल टुटेजा की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री बघेल सरकार कठघरे में है।नान घोटाले के 170 में से लगभग 168 गवाह अपने बयानों से पलट चुके है। ED ने सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप है कि सरकार के साथ मिलकर टुटेजा नान घोटाले के गवाहों को डरा-धमका रहा है। IT-ED की छापेमारी में उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज है। कई विवादों और भ्रष्टाचार के मामलो से घिरे होने के बावजूद टुटेजा सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहते अदालती फरमानो की धज्जियाँ उड़ा रहे है।  

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