तेल अवीव: गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल के बाहर पत्रकारों के एक तम्बू पर हुए इजराइली हमले में कम से कम पांच पत्रकार मारे गए हैं। इजराइली सेना ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि उन पत्रकारों में से एक, अनस अल-शरीफ, जो खुद को अल जजीरा का पत्रकार बताता था, वास्तव में हमास का आतंकवादी था। सेना के अनुसार, अल-शरीफ ने इजरायली नागरिकों और सैनिकों पर हमले किए थे। आईडीएफ ने यह भी दावा किया कि उनके पास गाजा से प्राप्त खुफिया सूचनाएं हैं जो यह साबित करती हैं कि वह हमास के लिए काम कर रहा था।
अल जजीरा ने बताया कि अक्टूबर 2023 से अब तक कम से कम 186 पत्रकार मारे जा चुके हैं, जबकि 90 से अधिक पत्रकार इजरायल की हिरासत में हैं। वे आरोप लगाते हैं कि इजराइली सेना जानबूझकर स्थानीय मीडिया कर्मियों को निशाना बना रही है ताकि गाजा में स्थिति की सही खबरें बाहर न आ सकें।
इसी बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि अगर हमास अपने हथियार डाल दे और बंधकों को रिहा कर दे तो युद्ध कल ही समाप्त हो सकता है। नेतन्याहू ने कहा कि हमास गाजावासियों को गुलाम बनाता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने जोर दिया कि इजराइल का मकसद गाजा पर कब्जा करना नहीं बल्कि उसे हमास आतंकवादियों से आजाद कराना है। भविष्य की योजना में गाजा की सीमा पर एक सुरक्षा क्षेत्र और नागरिक प्रशासन स्थापित करना शामिल है, जो इजराइल के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखेगा।
नेतन्याहू का यह बयान येरुशलम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आया, जिसमें उन्होंने विदेशी पत्रकारों को गाजा पहुंचाने की इच्छा जताई। हालांकि, इजराइली अधिकारियों ने अब तक विदेशी मीडिया को गाजा में प्रवेश से रोक रखा है। यह हमला इसी घोषणा के कुछ घंटे बाद हुआ।
