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नेशनल हाईवे पर जिस्म की मंडी, जरूरतमंदों के लिए चलती -फिरती सेक्स की दुकाने, आंखों के इशारे से सेटिंग, बैंकाक की तर्ज पर हिफाजत में पुलिस 

नीमच/ मंदसौर : देश में अफीम का बड़ा वैधानिक कारोबार वाला इलाका अब सेक्स की बड़ी मंडी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। सड़कों के दोनों ओर से लेकर खेत -खलियानों तक महिलाओं के इशारों से इस सुनियोजित कारोबार की मंडी सजती है। यहाँ नेशनल हाईवे पर कभी हाथो से इशारें करती तो कभी आंखों से सेटिंग का संदेशा देती लड़कियों को देखकर राहगीरों की गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो जाती है। उन गाड़ियों की रफ्तार धीमी होते ही जरूरतमंद करीब सजी-धजी महिलाओं को देखकर उसका रेट तय करते है। फिर सुविधानुसार महिलाएं अपने तय ठिकाने पर पहुंचने लगती हैं। ऐसा नजारा आम है। 

बताया जा रहा है कि इंदौर से आगे बढ़ते ही रतलाम रोड तक सेक्स की नई दुकानें चलते -फिरते उपलबध है। इसके कारोबार में आई तेजी रतलाम, नीमच और मंदसौर होते हुए महाराष्ट्र और गुजरात तक नजर आती है। जानकारी के मुताबिक इस इलाके में पुलिस ने कई बार इस कारोबार पर अंकुश लगाने की कोशिश की लेकिन इस कारोबार में कभी भी रोक नहीं लग सकी। हालांकि समय -समय पर इसमें कमी जरूर देखी गई। लेकिन अब इस नेशनल हाईवे पर जगह – जगह सेक्स की दुकाने खुल गई है। आस -पास के इलाको की होटलों और ढाबों में रुकने का इंतजाम भी ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहा है। 

मंदसौर, नीमच, रतलाम और इंदौर नेशनल हाईवे पर रात होते ही सेक्स की मंडियों का नजारा देखने लायक है। बताया जाता है कि जिस बेफिक्री के साथ खुल्लम -खुला कारोबार चल रहा है। उसमे कई इलाको की पुलिस की सहभागिता भी नजर आ रही है। नेशनल हाइवे पर कई बड़े -बड़े दलाल जिस्म की मंडियों पर कब्ज़ा कर छोटी उम्र से लेकर जवानी की दहलीज में कदम रखने वाली युवतियों को इस कारोबार में धकेल रहे है। रोजाना मोटी रकम मिलने से कई मासूम लड़कियों के कदम भी जिस्म की मंडी में चहलकदमी करते नजर आते है। यहाँ तन का सौदा आम नजारा बन गया है। 

नेशनल हाईवे किनारे रहने वाले कई ऐसे समुदाय है, जो जिस्मफरोशी में लिप्त हैं। यह उनका परंपरागत पेशा है। इसे लोगो को सुनाते हुए महिलाएं और दलाल ग्राहकों को प्रोत्साहित करते है। कई पुलिसकर्मी बताते है कि इसकी रोकथाम की ढेरो कोशिश की गई। लेकिन आज भी इससे छुटकारा नहीं मिला है। उनके मुताबिक अब तो उन्हें रोकने पर मारपीट और हिंसक घटनाएं सामने आने लगती है। लिहाजा एक कानून के तहत ही उन पर दबाव डाला जाता है। उनके मुताबिक कई प्रकरणों में महिलाये यह साबित करने में कामयाब हो जाती है कि पुलिस उनके साथ सख्ती कर रही है। फिर मानव अधिकारों के हनन को लेकर  पुलिस को अदालत से फटकार भी लगती है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन लोगो को सचेत ही कर सकता है। 

नेशनल हाइवे के किनारे के स्थित कई गांव में सरेआम चल रहे इस कारोबार से कई लोग एड्स पीड़ित भी हो गए है। कई HIV पॉजिटिव सेक्स वर्कर जाने -अनजाने इस रोग का संग्राहक बनकर नए ग्राहकों को इस रोग के दायरे में खींच रहे है। ग्राहक भी असुरक्षित यौन संबंध स्थापित कर HIV पॉजिटिव हो रहे है। फिलहाल सड़क किनारे चलती -फिरती सेक्स की दुकाने जनता पर भारी पड़ने लगी है। कई राहगीर इसकी तस्दीक कर रहे है। उनके मुताबिक ट्रक ड्राइवर समेत वाहनों पर चलने वाले कई कर्मी एड्स की चपेट में आ चुके है। लिहाजा लोगो को सतर्क होने की जरुरत है। 

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