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JAPAN को स्‍पेस में खत्‍म करना पड़ा अपना ही रॉकेट, उस पर लैस सेटेलाइट को नॉर्थ कोरिया की करनी थी निगरानी!

Japan News: जापान को अपने अंतरिक्ष प्रयास में एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा, उसे मंगलवार को अंतरिक्ष में लॉन्च किए गए एक नए मीडियम-लिफ्ट रॉकेट को नष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ा. वाहन के दूसरे चरण के इंजन के प्रज्वलित होने में विफल होने के बाद यह करना पड़ा.

अंतरिक्ष की खोज पहले से कहीं अधिक व्यापक हो गई है, एलन मस्क स्पेसएक्स के साथ इस क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुके हैं. स्पेसएक्स और नासा ने हाल ही में क्रू 6 मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों को क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) भेजा. छह महीने के साइंस मिशन पर दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों, एक रूसी कॉस्मोनॉट और एक संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यात्री को लेकर कैप्सूल शुक्रवार को सुरक्षित पहुंच गया.

सेल्फ-डिस्ट्रक्ट सिग्नल भेजा
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने कहा कि उसने इंजन में खराबी के बाद रॉकेट को सेल्फ-डिस्ट्रक्ट सिग्नल भेजा. 57-मीटर (187 फीट) लंबे H3 रॉकेट ने JAXA तनेगाशिमा स्पेसपोर्ट से उड़ान भरी थी. वाहन का एक पूर्व लॉन्च पिछले महीने निरस्त कर दिया गया था. H3, ALOS-3 को ले जा रहा था, एक आपदा प्रबंधन भूमि अवलोकन उपग्रह जो उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रायोगिक इन्फ्रारेड सेंसर से भी लैस था.

कंपनी के शेयरों पर पड़ा असर
विफल लॉन्च के प्रभाव का सीधा असर उस कंपनी के शेयरों पर पड़ा जिसने H3 का निर्माण किया था. मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एमएचआई) के शेयर सुबह के कारोबार में 1.8 फीसदी गिर गए, जबकि व्यापक जापानी बेंचमार्क इंडेक्स 0.4 फीसदी ऊपर था. H3 एक नए सरल, कम लागत वाले इंजन द्वारा संचालित है जिसमें 3D-प्रिंटिड पार्ट्स शामिल हैं. इसका उद्देश्य सरकारी और वाणिज्यिक उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करना है. यह आईएसएस को आपूर्ति भी पहुंचा सकता है.

जापान नासा के साथ साझेदारी में लोगों को चंद्रमा पर भेजने में मदद करने के लिए भी काम कर रहा है. H3 अंततः कार्गो को गेटवे लूनर स्पेस स्टेशन तक ले जाने के लिए है. नासा जापानी अंतरिक्ष यात्रियों सहित लोगों को चंद्रमा पर वापस लाने के उद्देश्य से स्टेशन पर काम कर रहा है.

H3 की प्रति लॉन्च लागत इसके पूर्ववर्ती, H-II की आधी होगी
MHI ने अनुमान लगाया है कि H3 की प्रति लॉन्च लागत इसके पूर्ववर्ती, H-II की आधी होगी. यह इसे ग्लोबल लॉन्च मार्केट में एक प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देगा जहां वर्तमान में स्पेसएक्स के रियूजेबल फाल्कन 9 रॉकेट का वर्चस्व है. सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फाल्कन 9 को पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च करने की लागत 2,600 डॉलर प्रति किलोग्राम है. H-II की कीमत अभी $10,500 है.

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