जम्मू-कश्मीरः बिटक्वाइन के जरिये टेरर फंडिंग, जांच एजेंसी ने 7 ठिकानों पर की छापेमारी, कई ठोस सबूत बरामद

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श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने बुधवार को बिटक्वाइन ट्रेड के मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी की. जम्मू-कश्मीर के मेंढर, पुंछ, बारामूला, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिले में संदिग्धों के आवास परिसरों की तलाशी ली गई. छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी की टीम को डिजिटल उपकरण, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और कई जरूरी कागजात बरामद हुए हैं. छापेमारी की यह कार्रवाई काउंटर इंटेलिजेंस पुलिस स्टेशन में यूएपीए के तहत दर्ज की गई एफआईर के आधार पर की गई है. टीम द्वारा बरामद किये गए सबूतों का विश्लेषण करने के बाद ही संदिग्धों से पूछताछ की जाएगी. यह पूरा मामला बिटक्वाइन ट्रेड के जरिए आतंकी फंडिंग से जुड़ा है.

प्रारंभिक चरण में पुलिस द्वारा जिन डिटेल की जांच की जा रही है, उनमें पाकिस्तान का एक मास्टरमाइंड शामिल है. यह मास्टरमाइंड पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की मिलीभगत से जम्मू-कश्मीर में अपने एजेंटों को पैसे भेज रहा है. यह पैसा जम्मू-कश्मीर में सामूहिक हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तानी मास्टरमाइंड की पहचान कर ली गई है. हालांकि, पुलिस ने अभी उसकी डिटेल को गोपनीय रखा है.

बीते बुधवार को जिन घरों की तलाशी ली गई है उनमें कुपवाड़ा जिले के हाजिनाका मनीगाह हाहामा इलाके की रहने वाली जाहिदा बानो, कुपवाड़ा के लोन हारी के गुलाम मुजतबा दीदड़, हंदवाड़ा की तमजीदा बेगम, दीवान बाग बारामुला के यासिर अहमद मीर, ट्रैंजपोरा बारामुला के मोहम्मद सैयद मसूदी, गगरियान मंडी पुंच के फारूक अहमद और मेंढर के इमरान चौधरी के घर शामिल हैं. मामले की शुरुआती जांच में इस बात के सबूत सामने आए हैं कि पाकिस्तान से आया पैसा इन लोगों तक पहुंचा है. अलग-अलग खातों के जरिये बिटक्वाइन के रूप में पैसा भेजा गया है ताकि जांच एजेंसी इस बात का पता ना लगा सके कि ये पैसे कहां से आए हैं.